Dussehra 2024: नवरात्रि के आरंभ के साथ ही अब लोग दशहरा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, खासकर रावण दहन देखने के लिए। इस बार दिल्ली के द्वारका के रामलीला मैदान में जो विशालकाय रावण का पुतला खड़ा किया गया है, वह लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस रावण को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह केवल दिल्ली में ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे ऊंचा रावण है।
रावण का पुतला है वाटर प्रूफ
रावण का यह पुतला बच्चों से लेकर बड़ों तक सबको अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। आयोजकों के मुताबिक, यह रावण जलरोधक (वॉटरप्रूफ) है, क्योंकि इसे मखमली कपड़े से बनाया गया है, कागज का इसमें उपयोग नहीं किया गया है। इस रावण की लंबाई 211 फीट है, जिसे देखने के लिए लोगों को अपना सिर पूरी तरह से उठाना पड़ता है। रावण के जूते भी बनाए गए हैं, जो लोगों के बीच खास आकर्षण का कारण बने हुए हैं। यही वजह है कि लोग रावण के साथ तस्वीरें भी खिंचवा रहे हैं।
पहले रावण की ऊंचाई 60 से 70 फीट होती थी
द्वारका श्री रामलीला सोसाइटी के अध्यक्ष राजेश गहलोत ने कहा कि हर साल की तरह इस साल भी रामलीला का आयोजन और भी भव्य तरीके से किया जा रहा है। रावण की ऊंचाई हर साल बढ़ती जा रही है। पहले रावण की अधिकतम ऊंचाई 60 से 70 फीट हुआ करती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह बढ़ती गई। इस बार रावण की ऊंचाई 211 फीट रखी गई है, जो अब तक का सबसे ऊंचा रावण है।
रावण बनाने में लगे 30 लाख रुपये
पंजाब के अंबाला के पास के भरारा गांव के जितेंद्र खन्ना ने इस विशालकाय रावण को तैयार किया है। इसे बनाने में करीब 40 कलाकारों ने मिलकर काम किया है, जिनकी मेहनत चार महीनों तक चली। रावण को 2 अक्टूबर को मैदान में खड़ा किया गया। इसे बनाने में लगभग 30 लाख रुपये की लागत आई है।
10 फीट गहरी पाइपें ज़मीन में लगाई गईं
राजेश गहलोत ने बताया कि इस रावण को लोहे की संरचना के साथ खड़ा किया गया है। लोहे की पाइपें 10 फीट गहरी ज़मीन में लगाई गई हैं, जिनके ऊपर रावण खड़ा है। इसके अलावा, लोहे की संरचना को चारों ओर से लोहे की चेन से बांधा गया है, जिससे यह पूरी तरह से सुरक्षित रहे। रावण का ढांचा बांस की मदद से तैयार किया गया है और इसमें जो कपड़ा इस्तेमाल किया गया है, वह मखमली है, जिससे रावण सुंदर और आकर्षक दिखाई दे।
इस साल की रामलीला मंचन की विशेषताएं
इस बार की रामलीला मंचन की खासियत यह है कि इसका मंच राम मंदिर की तर्ज पर भव्य तरीके से तैयार किया गया है। इसे पूरी तरह 3D में बनाया गया है, जिससे दर्शकों को एक अनूठा अनुभव मिलेगा। रामलीला के मंचन के लिए 400 कलाकारों में से 100 कलाकारों का चयन किया गया है, जिन्हें पहले से ही प्रशिक्षण दिया गया है। यहां 10,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है, साथ ही 10,000 वाहनों के लिए पार्किंग की भी सुविधा रखी गई है।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम: 200 CCTV कैमरे
रामलीला मैदान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी विशेष ध्यान दिया गया है। कुल 200 सीसीटीवी कैमरों को मैदान में विभिन्न स्थानों पर लगाया गया है, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। आयोजक राजेश गहलोत ने बताया कि इस बार की रामलीला सबसे भव्य होगी और यहां की सुरक्षा व्यवस्था भी अत्यंत कड़ी रखी गई है, जिससे लोग बिना किसी चिंता के कार्यक्रम का आनंद ले सकें।
प्रधानमंत्री मोदी और अन्य मंत्रियों को भेजा गया आमंत्रण
रामलीला कार्यक्रम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी आमंत्रण भेजा गया है। आयोजकों ने बताया कि प्रधानमंत्री के अलावा कई अन्य कैबिनेट मंत्रियों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। यह आयोजन देशभर के प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक होगा, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
रामलीला मंचन का महत्व
रामलीला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर साल दशहरा के मौके पर भगवान राम की लीलाओं का मंचन किया जाता है, जिसके माध्यम से समाज को सत्य, धर्म और न्याय के मार्ग पर चलने का संदेश दिया जाता है। रावण का पुतला जलाने के पीछे यह प्रतीकात्मक संदेश होता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अंततः अच्छाई की जीत होती है।
211 फीट का रावण: एक तकनीकी चुनौती
इस बार 211 फीट के रावण को खड़ा करना एक बड़ी तकनीकी चुनौती थी। कलाकारों और इंजीनियरों की टीम ने दिन-रात मेहनत करके इस विशाल पुतले को तैयार किया है। रावण का पुतला मखमली कपड़े से बना है, जो न केवल इसे आकर्षक बनाता है, बल्कि इसे जलरोधक भी बनाता है। इस पुतले को खड़ा करने के लिए जो आधार तैयार किया गया है, उसमें लोहे की संरचना और पाइपों का विशेष रूप से इस्तेमाल किया गया है, ताकि यह मजबूती से खड़ा रहे और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारियां की जा सकें।