बागेश्वर धाम के प्रमुख Dhirendra Shastri , जो बागेश्वर बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं, की हिंदू एकता यात्रा देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। बड़े राजनेताओं से लेकर फिल्मी सितारे तक इस यात्रा में हिस्सा ले रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री लगातार बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के मुद्दे को उठा रहे हैं। उन्होंने हाल ही में बयान दिया, ‘बांग्लादेश के हिंदुओं को बुद्धि मिले और वे सड़कों पर उतरें।’ आइए, जानते हैं बाबा बागेश्वर ने और क्या-क्या कहा।
देशभर में निकलेगी पदयात्रा – धीरेंद्र शास्त्री
बाबा बागेश्वर ने कहा कि हिंदुओं को एकजुट होना चाहिए और जागरूक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने में पदयात्रा आयोजित की जाएगी। जो लोग इस यात्रा में शामिल होंगे, वे हर गांव में क्रांति लाएंगे। बाबा ने कहा कि यह आंदोलन भेदभाव, छुआछूत और ऊंच-नीच के खिलाफ होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सड़कों पर करोड़ों सनातनी हिंदू दिखाई देंगे, जो बहनों और बेटियों को जिहाद से बचाने के लिए नई क्रांति लाएंगे।
बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए विशेष बयान
बांग्लादेश में हिंदुओं के मुद्दे पर बोलते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि सरकार को तुरंत वहां की स्थिति का जायजा लेना चाहिए और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री को इस मामले में विशेष कार्य करना चाहिए। बाबा ने कहा, “जैसे विदेशी लोग भारत के मामलों में हस्तक्षेप करते हैं, वैसे ही भारत के हिंदुओं को बांग्लादेश के हिंदुओं का समर्थन करना चाहिए।”
संबल में मंदिर निर्माण की इच्छा
बाबा बागेश्वर ने संबल के मुद्दे पर कहा कि यदि बालाजी की कृपा हो, तो वहां हरिहर मंदिर बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान का मंदिर वहां जरूर होना चाहिए। यह बयान हिंदू आस्थाओं को केंद्र में रखते हुए दिया गया है, जो बाबा की हिंदू एकता के संदेश का हिस्सा है।
महाकाल में मुस्लिम दुकानों पर बयान
धीरेंद्र शास्त्री ने उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में मुस्लिम दुकानों के मामले पर भी टिप्पणी की। टी. राजा के बयान कि महाकाल परिसर में मुस्लिम दुकाने नहीं होनी चाहिए, पर बाबा ने सहमति जताते हुए कहा, “बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। हर दुकान के बाहर नाम और पता लिखा होना चाहिए।”
धीरेंद्र शास्त्री का संदेश: सनातन धर्म की रक्षा
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जो भी व्यक्ति सनातन धर्म या सनातनियों को अपमानित करेगा, उसे कानून के हवाले किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह व्यक्ति नहीं सुधरा, तो हिंदू उसे बख्शेंगे नहीं।
हिंदू एकता यात्रा का उद्देश्य
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव का भी संदेश देती है। बाबा का कहना है कि यह यात्रा हर हिंदू को जागरूक करेगी और समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने में सहायक होगी।
लोगों की प्रतिक्रिया
धीरेंद्र शास्त्री के इन बयानों और उनकी हिंदू एकता यात्रा को लेकर लोगों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जहां एक ओर हिंदू समाज के कई लोग उनकी प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके कुछ बयानों को लेकर विवाद भी खड़ा हो गया है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
बाबा के बयानों पर कई राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने बाबा के बयानों को धर्म के नाम पर ध्रुवीकरण करार दिया है, जबकि हिंदू संगठनों ने उनकी बातों का समर्थन किया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर जोर
बाबा का यह बयान बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय अक्सर धार्मिक उत्पीड़न और हिंसा का शिकार होता है। बाबा का कहना है कि भारत सरकार को इस पर तुरंत कदम उठाना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मामले को उठाना चाहिए।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का यह बयान न केवल भारत में हिंदुओं को एकजुट करने की अपील है, बल्कि यह बांग्लादेश के हिंदुओं के अधिकारों की वकालत भी करता है। हालांकि, उनके कुछ बयानों को लेकर विवाद हो सकता है, लेकिन उनका संदेश समाज में एकजुटता और समानता के लिए प्रेरित करता है।
हिन्दू एकता यात्रा का भविष्य
यह देखना दिलचस्प होगा कि बाबा बागेश्वर की हिंदू एकता यात्रा किस प्रकार समाज में बदलाव लाती है। उनकी यात्रा और विचारधारा का प्रभाव केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन सकता है।