Deoband के भायला गांव में देव सिंह के 11 वर्षीय बेटे करण और उसके चचेरी बहन 7 वर्षीय अवनी के शवों के मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। दोनों बच्चे गुरुवार शाम को मंदिर जाने के लिए घर से निकले थे, लेकिन जब वे रात तक वापस नहीं लौटे, तो परिवार वालों ने उनकी तलाश शुरू की। उनकी लाशें देबंद-नानौता मार्ग पर एक गड्ढे में मिलीं, जिससे इलाके में कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं।
घटना की जानकारी
गुरुवार की शाम 5 बजे, करण और अवनी घर से निकले थे, लेकिन रात तक जब वे वापस नहीं लौटे, तो परिवार और गांववालों ने उन्हें खोजने की कोशिश की। रात लगभग 11 बजे, बच्चों के शव सड़क किनारे एक गड्ढे में मिले। लड़के का शव सड़क के एक तरफ और लड़की का शव गड्ढे के दूसरी तरफ पाया गया। यह जानकारी फैलते ही गांव में भीड़ इकट्ठा हो गई।
सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक, उप जिलाधिकारी और स्थानीय थाने के प्रभारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और गांववालों से जानकारी जुटाई।
गांववालों का आरोप
गांववालों का आरोप है कि बच्चों की हत्या काले जादू के चलते की गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और यह बच्चों की हत्या का एक नया मामला है। जबकि पुलिस इसे सड़क हादसा मानने की कोशिश कर रही है।
गांव के लोगों ने सड़क को जाम कर दिया और अधिकारियों से मांग की कि उच्च अधिकारियों को मौके पर भेजा जाए। हालांकि, देर रात तक कोई जिला अधिकारी वहां नहीं पहुंचा, जिससे गांववालों में आक्रोश बढ़ गया।
पुलिस की जांच
पुलिस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि बच्चों की मौत का कारण सड़क हादसा हो सकता है। लेकिन, गांववालों की आक्रोशित भीड़ और उनके आरोपों को देखते हुए, पुलिस ने मामले की गंभीरता से जांच करने का आश्वासन दिया है। फॉरेंसिक टीम भी मौके पर पहुंच गई और साक्ष्य जुटाने का कार्य शुरू कर दिया है।
स्थानीय अधिकारी रविकांत पराशर ने कहा कि जांच में सबूत जुटाए जा रहे हैं और मामले की पूरी जानकारी ली जा रही है। पुलिस ने यह भी बताया कि जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि क्या बच्चों की हत्या की गई थी या यह केवल एक सड़क दुर्घटना थी।
दिवाली की खुशी में मातम
यह दुखद घटना दिवाली के मौके पर हुई, जिससे गांव में मातम का माहौल बन गया। इस घटना ने गांववालों की खुशी को छीन लिया और वे रात तक घटनास्थल पर जमा रहे। बच्चे अब इस त्योहार का आनंद नहीं ले पाएंगे, जो उनके लिए बहुत खास था।
गांव के लोगों ने मांग की है कि प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच करे और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। बच्चों की मौत ने गांव में शोक की लहर फैला दी है और सभी लोग इस घटना के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
स्थानीय प्रशासन ने गांववालों से वादा किया है कि वे मामले की गंभीरता को समझते हैं और इस पर उचित कार्रवाई करेंगे। हालांकि, गांववालों का कहना है कि जब तक उच्च अधिकारी मौके पर नहीं आते, तब तक वे सड़क जाम करने से पीछे नहीं हटेंगे।
इस घटना ने न केवल गांव को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए हैं। काले जादू और तंत्र-मंत्र से जुड़े मामलों में ग्रामीणों की धारणा को देखते हुए, प्रशासन को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।
देवबंद के भायला गांव में हुई यह घटना एक गंभीर संकेत है कि समाज में काले जादू और तंत्र-मंत्र से जुड़े अंधविश्वास अभी भी जीवित हैं। यह जरूरी है कि प्रशासन इस मामले की गहन जांच करे और लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के प्रयास करे। साथ ही, सुरक्षा को लेकर उचित कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित किया है कि समाज में अंधविश्वास और काले जादू की धारणा कितनी खतरनाक हो सकती है। बच्चों के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है, और इसके लिए प्रशासन और समाज को मिलकर काम करना होगा।