Delhi Water Supply: दिवाली के त्योहारी सीजन में दिल्लीवासियों के लिए एक नई समस्या खड़ी हो गई है। यमुना नदी में अमोनिया का स्तर बढ़ने और वार्षिक सफाई के कारण ऊपरी गंगा नहर के बंद होने से राजधानी के कई इलाकों में जल संकट गहरा गया है। भगीरथी और सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र (WTP) में 30 प्रतिशत तक कम पीने का पानी मिल रहा है, जिससे पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्से और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (NDMC) क्षेत्र में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
भगीरथी जल शोधन संयंत्र की क्षमता 110 मिलियन गैलन प्रति दिन (MGD) और सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र की क्षमता 140 MGD है। दोनों संयंत्रों के लिए कच्चा जल ऊपरी गंगा नहर से आता है, जो 12 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक बंद है।
वार्षिक सफाई के लिए बंद हुई ऊपरी गंगा नहर
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने हरिद्वार से ऊपरी गंगा नहर को वार्षिक रखरखाव के लिए 12 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक बंद कर दिया है। कई स्थानों पर नहर में पानी छोड़ दिया गया था, जिससे दोनों जल शोधन संयंत्रों को कुछ मात्रा में पानी मिल रहा था, लेकिन 21 अक्टूबर से यह भी बंद हो गया है। अब, दोनों जल शोधन संयंत्र पूरी तरह से यमुना नदी पर निर्भर हैं, लेकिन यमुना में अमोनिया का स्तर 1.5 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) से अधिक होने के कारण इसे शुद्ध नहीं किया जा सकता। इस कारण से, दोनों संयंत्रों से लोगों तक कम मात्रा में पीने का पानी पहुंच पा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने कहा है कि 1 नवंबर से कई इलाकों में जलापूर्ति प्रभावित रह सकती है।
इन इलाकों में जल संकट का असर
नीचे दिए गए इलाके जल संकट से प्रभावित हो सकते हैं:
- पूर्वी दिल्ली
- उत्तर-पूर्वी दिल्ली
- दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्से
- NDMC क्षेत्र
- प्रभावित क्षेत्रों की सूची:
- गोकुलपुरी, सोनिया विहार, करावल नगर, बाबरपुर, ताहिरपुर, दिलशाद गार्डन, नंद नगरी, शाहदरा, लक्ष्मी नगर, गीता कॉलोनी, मयूर विहार, कोंडली, दल्लूपुरा, यमुना विहार, जाफराबाद, झिलमिल, मंडावली, शकरपुर, विवेक विहार, कड़कड़डूमा, जगतपुरी, शालीमार पार्क, कृष्णा नगर, पटपड़गंज, प्रीत विहार, विश्वकर्मा पार्क, ललिता पार्क, सीलमपुर, शास्त्री पार्क, ब्रह्मपुरी, कैलाश नगर, सराय काले खां, जल विहार, लाजपत नगर, मूलचंद अस्पताल, ग्रेटर कैलाश, वसंत कुंज, देओली, अंबेडकर नगर, ओखला, कालकाजी, गोविंदपुरी, जीबी पंत पॉलिटेक्निक, श्याम नगर कॉलोनी, ओखला सब्जी मंडी, अमर कॉलोनी, दक्षिणपुरी, पंचशील पार्क, शाहपुर जाट, कोटला मुबारकपुर, सरिता विहार, सिद्धार्थ नगर, अपोलो, जीके नॉर्थ, मालवीय नगर, डियर पार्क, गीतांजली, श्रीनिवासपुरी, जीके साउथ, छतरपुर।
दिल्ली जल बोर्ड की सलाह: पानी की बर्बादी न करें
दिल्ली जल बोर्ड ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे पानी का उपयोग सावधानीपूर्वक करें, ताकि जल संकट के दौरान पानी की कमी से निपटा जा सके। दिल्ली जल बोर्ड ने पानी की आपूर्ति के लिए टैंकरों की व्यवस्था भी की है। इसके अलावा, उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार पानी टैंकर मंगवा सकते हैं।
पानी की समस्या के लिए शिकायत दर्ज करने के नंबर
दिल्ली जल बोर्ड ने जलापूर्ति की समस्या से संबंधित शिकायतों के लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
- तोल फ्री नंबर: 1916 / 1800117118
- ईमेल: grievances[dash]djb[at]delhi[dot]gov[dot]in
- व्हाट्सएप नंबर: 9650291021
इसके अलावा, 23538495, 23634469, 23513073, 23527679 पर भी जलापूर्ति संबंधित समस्याओं की शिकायत की जा सकती है।
पानी की कमी के कारण
पानी की कमी का एक प्रमुख कारण यमुना नदी में अमोनिया का बढ़ा हुआ स्तर है, जो इसे पीने योग्य नहीं बनाता। अमोनिया का यह स्तर आमतौर पर आसपास के औद्योगिक कचरे और सीवेज के मिश्रण से बढ़ता है। जब भी अमोनिया का स्तर 1.5 पीपीएम से अधिक होता है, तो जल शोधन संयंत्र इसे प्रभावी ढंग से साफ नहीं कर पाते हैं, और इस कारण से पानी की कमी का सामना करना पड़ता है।
संभावित समाधान
दिल्ली जल बोर्ड और अन्य संबंधित प्राधिकरणों को प्रदूषण के स्रोतों की निगरानी को कड़ा करना चाहिए और यमुना नदी को साफ रखने के लिए प्रभावी उपाय लागू करने चाहिए। इसके अलावा, जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दिल्लीवासियों को भी जागरूक करना आवश्यक है।
- वैकल्पिक स्रोतों से जल प्राप्त करना: दिल्ली जल बोर्ड को अन्य वैकल्पिक जल स्रोतों की खोज करनी चाहिए, ताकि नहरों के बंद होने की स्थिति में जल संकट न हो।
- उपभोक्ताओं में जागरूकता बढ़ाना: नागरिकों को जल संकट के प्रति जागरूक करना और उन्हें जल संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है।
- प्रदूषण नियंत्रण: यमुना नदी में औद्योगिक और घरेलू कचरे के प्रवाह को रोकना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि पानी को सुरक्षित रखा जा सके।
दिल्ली में जल संकट की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और इसके समाधान के लिए तात्कालिक उपायों की आवश्यकता है। ऐसे में दिल्ली जल बोर्ड और सरकार को प्रदूषण को नियंत्रित करने और वैकल्पिक जल स्रोतों की व्यवस्था करने की दिशा में कदम उठाने होंगे।