Delhi: दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने आज यानी शुक्रवार को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, उन्होंने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। कांग्रेस में उनका स्वागत पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव और प्रवक्ता पवन खेड़ा की मौजूदगी में हुआ। अगले वर्ष दिल्ली में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं, और इस घटनाक्रम को AAP के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर की घोषणा
राजेंद्र पाल गौतम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से अपने इस्तीफे की घोषणा की। उन्होंने लिखा, “मैं सामाजिक न्याय और बहुजन समाज की भागीदारी को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए आम आदमी पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूँ।”
कौन हैं राजेंद्र पाल गौतम?
राजेंद्र पाल गौतम, जो दिल्ली की सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रह चुके हैं, एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्तित्व हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति, सामाजिक कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास मंत्री के रूप में भी सेवाएं दी हैं। अपने राजनीतिक करियर के दौरान, उन्होंने सामाजिक न्याय के मुद्दों पर मुखर रूप से आवाज उठाई और दिल्ली की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
मंत्री पद से हटाए जाने पर नाराजगी
हिंदू देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर अक्टूबर 2022 में हुए विवाद के बाद अरविंद केजरीवाल ने राजेंद्र पाल गौतम को मंत्री पद से हटा दिया था। इसके बाद राजकुमार आनंद को उनके स्थान पर मंत्री बनाया गया था। इस घटना के बाद से ही गौतम पार्टी से नाराज चल रहे थे। आज उन्होंने AAP से अलग होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस इस्तीफे के बाद पार्टी के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है, क्योंकि इससे पहले एक विधायक कर्तार सिंह तंवर और दो मंत्री राजकुमार आनंद और राजेंद्र पाल गौतम पार्टी छोड़ चुके हैं।
सीमापुरी का महत्व
सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक करियर की कर्मभूमि रही है। यहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक दिनों में एनजीओ के माध्यम से कार्य किया था और बिजली के मुद्दे पर एक आंदोलन भी चलाया था। इस क्षेत्र में 15 दिनों तक भूख हड़ताल करने वाले अरविंद केजरीवाल ने अपने साथी संतोष कोहली के साथ मिलकर जनता के लिए कई सामाजिक सुधारों की पहल की। जब AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनावों में पहली बार हिस्सा लिया, तो सीमापुरी से संतोष कोहली के भाई धर्मेंद्र कोहली को टिकट दिया गया, लेकिन इस क्षेत्र से राजेंद्र पाल गौतम ने लगातार दो बार जीत हासिल की।
गौतम का कांग्रेस में शामिल होना
राजेंद्र पाल गौतम का कांग्रेस में शामिल होना दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा मोड़ हो सकता है। यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक समीकरणों को बदल सकता है। गौतम के इस्तीफे और कांग्रेस में शामिल होने को AAP के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है, क्योंकि वह दलित समुदाय के बीच एक मजबूत आधार रखते हैं। गौतम के इस कदम से कांग्रेस को न केवल सीमापुरी में बल्कि दिल्ली के अन्य हिस्सों में भी राजनीतिक लाभ मिल सकता है।
क्या हैं इसके राजनीतिक निहितार्थ?
राजेंद्र पाल गौतम का इस्तीफा और कांग्रेस में शामिल होना दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है। AAP के लिए यह एक बड़ा झटका है, खासकर उस समय जब पार्टी अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है। गौतम के इस कदम से यह साफ होता है कि दिल्ली की राजनीति में कई परिवर्तन होने वाले हैं और आने वाले चुनावों में यह बदलाव महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
गौतम का इस्तीफा AAP के भीतर भी एक चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि इससे पार्टी के भीतर असंतोष और भी गहराता जा रहा है। इसके साथ ही, यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस गौतम के इस कदम का कैसे फायदा उठाती है और आगामी चुनावों में इसे अपने पक्ष में कैसे मोड़ती है।
राजेंद्र पाल गौतम का आम आदमी पार्टी से कांग्रेस में शामिल होना सिर्फ एक राजनीतिक कदम नहीं, बल्कि दिल्ली की राजनीति में एक बड़े बदलाव की दिशा में संकेत हो सकता है। यह देखना होगा कि आने वाले समय में यह कदम दिल्ली के राजनीतिक समीकरणों को कैसे प्रभावित करता है और क्या कांग्रेस इस मौके का पूरा फायदा उठा पाएगी।