Delhi news: शिक्षा जगत में बड़ा नाम माने जाने वाले अवध ओझा ने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस मौके पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। मनीष सिसोदिया ने बताया कि अवध ओझा ने दिल्ली में हुई शिक्षा क्रांति से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं ओझा
आम आदमी पार्टी में शामिल होने के बाद अवध ओझा आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रचार करेंगे। संभावना जताई जा रही है कि वह दिल्ली विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। इससे पहले भी वह लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके थे।
राजनीति और शिक्षा के बीच चुनी शिक्षा
पार्टी में शामिल होने के बाद अवध ओझा ने कहा कि अगर उन्हें शिक्षा और राजनीति के बीच चयन करने का मौका दिया जाए तो वह हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता देंगे। उनका कहना है कि राजनीति में आने का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन काम करना है। उन्होंने आम आदमी पार्टी की शिक्षा नीति से प्रभावित होकर इसमें शामिल होने का फैसला किया है।
शिक्षा क्षेत्र में अद्वितीय पहचान
गोंडा, उत्तर प्रदेश के निवासी अवध ओझा सोशल मीडिया पर अपने शिक्षण के विशेष तरीके के लिए प्रसिद्ध हैं। वह अपने छात्रों को पढ़ाने के लिए अनोखे तरीके अपनाते हैं, जिससे वह शिक्षा जगत में एक विशेष पहचान बना चुके हैं। ‘ओझा सर’ के नाम से मशहूर अवध ओझा के वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल होते हैं।
दिल्ली की शिक्षा क्रांति ने बनाया पार्टी का हिस्सा
अवध ओझा ने कहा कि उन्होंने आम आदमी पार्टी में शामिल होने का निर्णय दिल्ली की शिक्षा क्रांति को देखकर लिया। उनका मानना है कि दिल्ली में जिस तरह से सरकारी स्कूलों का स्तर ऊंचा किया गया है, वह देश के बाकी हिस्सों के लिए एक उदाहरण है। वह इस मॉडल को पूरे देश में लागू करना चाहते हैं।
शिक्षा को बनाएंगे मुख्य एजेंडा
पार्टी में शामिल होते ही ओझा ने स्पष्ट किया कि उनका एजेंडा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में बदलाव लाने के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर काम करना होगा।
मनीष सिसोदिया का बयान
मनीष सिसोदिया ने कहा कि अवध ओझा का पार्टी में शामिल होना आम आदमी पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, “ओझा सर जैसे व्यक्ति के पार्टी में आने से हम शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर काम कर सकेंगे। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव पार्टी के एजेंडे को और मजबूत बनाएंगे।”
शिक्षा और राजनीति का संगम
अवध ओझा ने कहा कि राजनीति में आने का उनका मकसद सिर्फ सत्ता हासिल करना नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना है। उन्होंने कहा कि वह राजनीति को शिक्षा सुधार का माध्यम बनाना चाहते हैं।
गोंडा के छोटे गांव से दिल्ली की राजनीति तक का सफर
अवध ओझा का सफर गोंडा जिले के छोटे से गांव से शुरू होकर दिल्ली की राजनीति तक पहुंचा है। वह हमेशा से शिक्षा के महत्व को समझते थे और इसी उद्देश्य से उन्होंने शिक्षण क्षेत्र को चुना। उनके अनूठे शिक्षण तरीके ने उन्हें न केवल उनके छात्रों बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध कर दिया।
छात्रों के बीच लोकप्रिय ओझा सर
ओझा सर की पढ़ाने की शैली उन्हें छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाती है। वह न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि छात्रों को जीवन के कठिन सवालों से निपटने के तरीके भी सिखाते हैं। उनके पढ़ाने का अंदाज प्रेरणादायक है और वह अपने छात्रों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
आम आदमी पार्टी को मिला नया चेहरा
आम आदमी पार्टी को अवध ओझा के रूप में एक नया और विश्वसनीय चेहरा मिला है। पार्टी ने उनकी लोकप्रियता और उनके अनुभव को ध्यान में रखते हुए उन्हें सदस्यता दी है। पार्टी का मानना है कि ओझा सर जैसे व्यक्ति के जुड़ने से उनकी विचारधारा और मजबूत होगी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां
आम आदमी पार्टी ने अवध ओझा के शामिल होने के साथ ही दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि ओझा सर का नाम और काम पार्टी को मजबूत बनाएगा और उनकी लोकप्रियता से पार्टी को फायदा होगा।
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की योजना
अवध ओझा ने कहा कि वह शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली का शिक्षा मॉडल एक आदर्श है और वह इसे पूरे देश में लागू करने की कोशिश करेंगे।
भविष्य की योजनाएं
ओझा सर ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता शिक्षा होगी। उन्होंने कहा कि वह राजनीति को शिक्षा सुधार का एक साधन बनाएंगे और देश में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करेंगे।
अवध ओझा का आम आदमी पार्टी में शामिल होना न केवल राजनीति बल्कि शिक्षा के क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उनके अनुभव और विचारधारा से पार्टी को नई दिशा मिलेगी। साथ ही, उनके प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा सकती है।