Delhi: दिल्ली के गोविंदपुरी इलाके में 6 साल के एक बच्चे के अपहरण और उसके बाद उसकी बरामदगी का मामला सामने आया है। इस घटना ने राजधानी को हिला कर रख दिया है। पुलिस के अनुसार, 1 सितंबर को एक महिला ने अपने 6 साल के बेटे के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और उसी दिन बच्चे को बरामद कर लिया गया। बच्चे को मेडिकल जांच के लिए एम्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी जांच की गई।
बच्चे ने अनुचित छूने की बात कही
शुरुआत में, परिवार ने किसी भी तरह के यौन शोषण की बात से इनकार किया, लेकिन बाद में बच्चे ने एक व्यक्ति द्वारा अनुचित छूने की बात कही। पुलिस ने आरोपी बलराम दास को गिरफ्तार कर लिया है और पोक्सो एक्ट की धारा 8 को मामले में जोड़ा गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस स्टेशन के बाहर भीड़ जमा हो गई और आरोपी को मारने का प्रयास किया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और आरोपी को सुरक्षित रूप से पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मामले की जांच और भीड़ का गुस्सा
यह घटना राजधानी दिल्ली में लोगों के बीच बढ़ते आक्रोश का उदाहरण है। जब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया, तो स्थानीय लोग बड़ी संख्या में पुलिस स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गए। लोगों का गुस्सा इतना था कि उन्होंने आरोपी को पुलिस के कब्जे से छुड़ाकर उसकी पिटाई करने की कोशिश की। पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा और किसी तरह आरोपी को सुरक्षित पुलिस स्टेशन तक पहुंचाया गया। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि हमारे समाज में बच्चों की सुरक्षा कितनी कमजोर है और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।
दिल्ली में बढ़ते अपराध
दिल्ली में हाल के वर्षों में अपराध दर में वृद्धि देखी गई है, विशेषकर बच्चों के खिलाफ अपराधों में। बच्चों का अपहरण और यौन शोषण जैसी घटनाएं अब आम हो गई हैं। यह स्थिति न केवल दिल्ली बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनों के बावजूद, अपराधी बिना किसी डर के इन जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहे हैं।
दूसरी घटना: चाचा ने किया बच्ची का अपहरण
हाल ही में दिल्ली से एक और खबर सामने आई, जिसमें एक चाचा ने अपनी साढ़े छह साल की भतीजी का अपहरण कर लिया। आरोपी ने बच्ची को किंडर जॉय खिलाने के बहाने उसे अपने साथ ले जाने का प्रयास किया। जैसे ही इस घटना की जानकारी पुलिस को मिली, पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने घर के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच शुरू की और 36 घंटे के भीतर बच्ची को आरोपी चाचा के चंगुल से छुड़ाया। आरोपी चाचा ने यह घटना बच्ची के परिवार से फिरौती वसूलने के इरादे से की थी।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
इस तरह की घटनाएं बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। परिवारों को चाहिए कि वे अपने बच्चों को ऐसे खतरों के बारे में जागरूक करें और उन्हें सिखाएं कि वे अनजान लोगों के साथ न जाएं, चाहे वह परिवार का ही कोई सदस्य क्यों न हो। इसके अलावा, समाज को भी बच्चों की सुरक्षा के प्रति अधिक जागरूक होने की आवश्यकता है।
पुलिस की भूमिका और समाज की जिम्मेदारी
इस तरह की घटनाओं में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। समय पर कार्रवाई और उचित जांच के माध्यम से अपराधियों को सजा दिलाने में पुलिस की भूमिका अहम है। लेकिन केवल पुलिस की कोशिशें ही पर्याप्त नहीं हैं। समाज की जिम्मेदारी भी है कि वह बच्चों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझे और ऐसी घटनाओं को रोकने में सहयोग करे।