Bulandshahr में पुलिस ने 1.5 लाख रुपये के ईनाम के अपराधी का एनकाउंटर कर उसे मार गिराया। इस मुठभेड़ के दौरान आहार पुलिस स्टेशन के इंचार्ज YD शर्मा और एक SOG कांस्टेबल घायल हो गए हैं। दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मारे गए अपराधी, राजेश, के खिलाफ 50 से अधिक गंभीर मामले दर्ज थे, जिनमें डकैती, चोरी और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। वह बुलंदशहर के कई पुलिस स्टेशनों में वांटेड था, जिनमें आहार, अनूपशहर और डिबाई शामिल हैं।
एनकाउंटर का विवरण
राजेश पर बुलंदशहर में 1 लाख रुपये और अलीगढ में 50,000 रुपये का इनाम था। इस ऑपरेशन का नेतृत्व CO अनूपशहर, गिरजा शंकर त्रिपाठी ने किया, जो एक मुखबिर की सूचना पर आधारित था। राजेश का एनकाउंटर SWAT टीम, SOG और आहार पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में देहात पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुआ।
तीन दिन में चौथा एनकाउंटर
यह उत्तर प्रदेश पुलिस का तीन दिनों में चौथा एनकाउंटर है। इससे पहले, पुलिस ने तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आरोपियों को पकड़ लिया था। पुलिस ने इन आरोपियों को गोली मारकर पकड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उनकी टांगें घायल हुईं। 10 अक्टूबर को, नायडा़ के बीटा-2 पुलिस स्टेशन की पुलिस ने रात के समय में दो डाकुओं को गिरफ्तार किया। चेकिंग के दौरान, जब डाकू भागने लगे, तो पुलिस ने उनका पीछा किया और वे पुलिस पर गोली चलाने लगे। जवाबी कार्रवाई में दोनों को गोली लगी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने रामकिशोर और सचिन नाम के दो डाकुओं को गिरफ्तार किया और उनसे एक चोरी की गई कार, एक देशी पिस्तौल, कारतूस और 7,84,600 रुपये की नकद राशि बरामद की। यह रकम हाल ही में की गई 10 लाख रुपये की डकैती से संबंधित थी।
पहले दो एनकाउंटर
9 अक्टूबर को, पुलिस ने दो मुठभेड़ों के बाद चार अपराधियों को गिरफ्तार किया। बुधवार सुबह, पुलिस ने दादरी मुख्य सड़क पर जांच के दौरान तीन अपराधियों के साथ मुठभेड़ की, जो भागने की कोशिश कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उनके पास से 62 मोबाइल फोन, अवैध हथियार और घटना में उपयोग की गई मोटरसाइकिल बरामद की गई। इस बीच, इकोटेक-3 पुलिस स्टेशन की पुलिस ने एक डकैती के मामले में वांटेड अपराधी शहनवाज उर्फ शानू को मंगलवार रात गिरफ्तार किया, जिसकी गिरफ्तारी पर 25,000 रुपये का ईनाम था। वह अगस्त महीने में इकोटेक-3 पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक व्यक्ति के घर में डकैती करने के मामले में वांटेड था।
पुलिस की कार्यवाही का महत्व
उत्तर प्रदेश पुलिस की ये कार्यवाहियाँ अपराधियों के खिलाफ उनकी कड़ी कार्रवाई को दर्शाती हैं। इस तरह के एनकाउंटर से न केवल पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बढ़ता है, बल्कि अपराधियों के मन में भी डर पैदा होता है। पुलिस विभाग का यह प्रयास राज्य में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक है, खासकर जब अपराधों की संख्या बढ़ रही हो।
पुलिस के अधिकारी का बयान
पुलिस विभाग के अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के एनकाउंटर से न केवल अपराधियों को सबक मिलता है, बल्कि अन्य अपराधियों के लिए भी यह एक चेतावनी है। CO गिरजा शंकर त्रिपाठी ने बताया कि एनकाउंटर के दौरान उन्हें सूचना मिली थी कि राजेश क्षेत्र में सक्रिय है और उसकी गिरफ्तारी के लिए एक विशेष ऑपरेशन चलाया गया।
समाज पर प्रभाव
इस प्रकार के एनकाउंटर का समाज पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जहां कुछ लोग इसे सही ठहराते हैं और इसे कानून व्यवस्था को बनाए रखने का एक तरीका मानते हैं, वहीं कुछ लोग इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन मानते हैं। इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश की पुलिस का यह प्रयास स्पष्ट रूप से दिखाता है कि वे अपराधियों को पकड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं।
भविष्य में पुलिस की रणनीतियाँ
आने वाले दिनों में पुलिस की रणनीतियाँ और अधिक कड़ी हो सकती हैं। पुलिस विभाग ने अपराधियों के खिलाफ अपने ऑपरेशनों को तेज करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, पुलिस की रणनीतियों में तकनीकी उपकरणों का उपयोग भी शामिल हो सकता है, जिससे अपराधियों को पकड़ने में सहायता मिलेगी।