Bihar news: भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में प्रस्तावित नए हवाई अड्डे की भूमि पर हाई-वोल्टेज बिजली लाइनों का जाल फैल चुका है। यह तथ्य अब स्पष्ट हो गया है कि इस भूमि के ऊपर से कई बिजली लाइनों का संचालन हो रहा है, जो संभावित रूप से हवाई अड्डे के निर्माण में रुकावट डाल सकते हैं। इस संबंध में सहायक विद्युत अभियंता ने विद्युत आपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता को एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें इन लाइनों की स्थिति और उनके प्रभाव का विवरण दिया गया है।
प्रस्तावित हवाई अड्डे की भूमि पर बिजली लाइनों का नेटवर्क
सुल्तानगंज में प्रस्तावित नए हवाई अड्डे के लिए भूमि की पहचान की जा चुकी है, और अब एक पूर्व-योग्यता रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट के माध्यम से हवाई अड्डे के निर्माण के लिए भूमि की स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि, सहायक विद्युत अभियंता की रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रस्तावित हवाई अड्डे की भूमि के ऊपर से कई हाई-वोल्टेज बिजली लाइनें गुजर रही हैं, जो निर्माण कार्य को प्रभावित कर सकती हैं।
विद्युत विभाग द्वारा भेजी गई रिपोर्ट
भागलपुर जिले के सुल्तानगंज में प्रस्तावित हवाई अड्डे की भूमि पर विभिन्न प्रकार की उच्च वोल्टेज की बिजली लाइनों का नेटवर्क फैला हुआ है। सहायक विद्युत अभियंता की रिपोर्ट के अनुसार, 11 KV गंगन्या फीडर (कृषि) इस भूमि से छह किलोमीटर तक गुजर रहा है। इस लाइन के खंभों की लंबाई आठ और नौ मीटर के बीच है। इसके अलावा, 11 KV असरगंज फीडर (कृषि) भी चार किलोमीटर तक भूमि से गुजरता है, जिसके खंभे भी आठ और नौ मीटर लंबे हैं।
इसके अतिरिक्त, एलटी (लो-टेंशन) लाइनें भी इस भूमि से गुजर रही हैं, जो कुल सात किलोमीटर लंबी हैं और इनकी पोल की लंबाई आठ मीटर है। इन लाइनों की स्थिति को लेकर सहायक विद्युत अभियंता ने कार्यकारी अभियंता को विस्तृत रिपोर्ट भेजी है, जिसमें इन लाइनों के पुनर्निर्माण या स्थानांतरण के बारे में सुझाव दिए गए हैं।
उच्च वोल्टेज लाइनों का विवरण
सहायक विद्युत अभियंता की रिपोर्ट में केवल 11 KV लाइनों का ही उल्लेख नहीं किया गया है, बल्कि इससे भी अधिक उच्च वोल्टेज वाली लाइनों का विवरण दिया गया है। 132 KVA डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन (हवेली खड़गपुर- सुल्तानगंज) इस भूमि के ऊपर से एक किलोमीटर तक गुजर रही है। इस लाइन के खंभे की ऊंचाई लगभग 30 मीटर है। इसी तरह, 132 KVA सिंगल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन (सुल्तानगंज-तरापुर) भी एक किलोमीटर तक फैली हुई है और इसकी टावर की लंबाई भी लगभग 30 मीटर है। इसके अलावा, 400 KVA NTPC ट्रांसमिशन लाइन भी एक किलोमीटर तक भूमि से गुजरती है, और इस लाइन के टावर की ऊंचाई लगभग 40 मीटर है।
इन हाई-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के कारण हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान तकनीकी और सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दे उत्पन्न हो सकते हैं। बिजली लाइनों के स्थानांतरण या उनके पुनर्निर्माण के लिए एक सशक्त योजना बनानी होगी, ताकि हवाई अड्डे के निर्माण में कोई रुकावट न आए।
विद्युत विभाग के सुझाव और कार्यवाही
जिलाधिकारी ने विद्युत विभाग से विस्तृत रिपोर्ट की मांग की थी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रस्तावित हवाई अड्डे की भूमि पर बिजली की लाइनों के कारण कोई समस्या उत्पन्न न हो। सहायक विद्युत अभियंता की रिपोर्ट में इन लाइनों के स्थानांतरण या बदलाव के लिए सुझाव दिए गए हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इन लाइनों को स्थानांतरित करने के लिए भूमि की पहचान और संभावित लागत का मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
विद्युत विभाग ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे शीघ्र ही एक योजना तैयार करें ताकि इन लाइनों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को जल्दी से जल्दी पूरा किया जा सके। साथ ही, विद्युत विभाग के अधिकारियों ने यह भी कहा कि यह कार्य सुल्तानगंज क्षेत्र में प्रस्तावित हवाई अड्डे के निर्माण में किसी भी प्रकार की रुकावट डालने से बचने के लिए जरूरी है।
हवाई अड्डे के निर्माण में आने वाली चुनौतियाँ
सुल्तानगंज में प्रस्तावित हवाई अड्डे का निर्माण स्थानीय विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा, लेकिन इस प्रक्रिया में कई चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उच्च वोल्टेज की बिजली लाइनों का स्थानांतरण किया जाएगा, जो कि एक जटिल और महंगा कार्य हो सकता है। इसके अलावा, इन लाइनों के स्थानांतरण से संबंधित सुरक्षा मानकों का पालन भी जरूरी होगा, ताकि किसी प्रकार की दुर्घटना या हादसा न हो।
इसके अलावा, हवाई अड्डे के निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण, इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना, पर्यावरणीय प्रभावों का मूल्यांकन, और अन्य प्रशासनिक मुद्दों को भी ध्यान में रखना होगा। सभी सरकारी विभागों को मिलकर इन समस्याओं का समाधान निकालना होगा, ताकि हवाई अड्डे का निर्माण बिना किसी बाधा के पूरा हो सके।
भागलपुर के सुल्तानगंज में प्रस्तावित हवाई अड्डे की भूमि पर हाई-वोल्टेज बिजली लाइनों का जाल फैला हुआ है, जिससे निर्माण कार्य में रुकावट आ सकती है। विद्युत विभाग ने इन लाइनों के स्थानांतरण के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करने की आवश्यकता को पहचाना है। जिलाधिकारी द्वारा दी गई दिशा-निर्देशों के तहत विद्युत विभाग ने रिपोर्ट भेजी है, जो यह दर्शाता है कि इन लाइनों को हटाना या स्थानांतरित करना एक जटिल कार्य होगा। हालांकि, इसे जल्दी से जल्दी हल किया जाएगा ताकि हवाई अड्डे का निर्माण बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।