Delhi-Mumbai एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से के जल्द खुलने की खबर से दिल्लीवासियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। यह एक्सप्रेसवे 12 नवंबर से आम जनता के लिए खोला जा सकता है, जिससे मथुरा रोड पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से लोगों को छुटकारा मिलेगा। दक्षिण दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इस पर बयान देते हुए कहा कि एक्सप्रेसवे पर 67 लेन बनाई गई हैं और साथ ही आगरा कैनाल और गुड़गांव कैनाल पर दो पुल भी बनाए गए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह एक्सप्रेसवे मथुरा रोड पर जाम की समस्या का स्थायी समाधान होगा।
एक्सप्रेसवे खुलने पर ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत
यह दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे यमुना नदी के किनारे से होकर गुजरता है। इस एक्सप्रेसवे के तहत यमुना खादर, ओखला विहार, और बटला हाउस जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके भी आते हैं। एक्सप्रेसवे का निचला हिस्सा महारानी बाग के पास स्थित है और डीएनडी फ्लाईओवर के अश्रम एंट्री के पास इस सड़क को पार करता है। सांसद ने बताया कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर लगभग 5500 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस रोड का इस्तेमाल फरीदाबाद, पलवल, और सोहना जाने के लिए किया जा सकेगा, जिससे लोगों का समय बचेगा और यात्रा सुगम होगी।
यात्रा का समय होगा कम: अब ढाई घंटे की जगह केवल 25 मिनट का सफर
रामवीर सिंह बिधूड़ी ने बताया कि फिलहाल महारानी बाग से सोहना तक जाने में लगभग ढाई घंटे का समय लगता है, लेकिन एक्सप्रेसवे खुलने के बाद यह समय घटकर केवल 25 मिनट रह जाएगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे आधुनिक सड़क मार्ग है जो दिल्ली को मुंबई के रास्ते वडोदरा से जोड़ता है। इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटे रखी गई है, जो इसे देश की सबसे तेज सड़कों में से एक बनाता है। इसके साथ ही, इस एक्सप्रेसवे पर पैदल चलना और जानवरों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
मथुरा रोड पर जाम से राहत: एक स्थायी समाधान
मथुरा रोड दिल्ली के व्यस्ततम मार्गों में से एक है, जहां हर रोज़ ट्रैफिक जाम की समस्या से लोग परेशान रहते हैं। एक्सप्रेसवे के दिल्ली हिस्से के खुलने से यहां के निवासियों को ट्रैफिक जाम से बहुत बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही, यह एक्सप्रेसवे केवल एक वैकल्पिक मार्ग नहीं बल्कि मथुरा रोड पर ट्रैफिक की समस्या का एक स्थायी समाधान है। यह प्रोजेक्ट मथुरा रोड के ट्रैफिक को काफी हद तक कम कर देगा, जिससे लोग समय पर अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
आधुनिक तकनीक और सुरक्षा मानकों का उपयोग
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को बनाने में अत्याधुनिक तकनीक और उन्नत सुरक्षा मानकों का इस्तेमाल किया गया है। इस एक्सप्रेसवे को इस प्रकार से डिजाइन किया गया है कि यहां किसी भी तरह के हादसों की संभावना कम से कम हो। साथ ही, एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक कैमरे, स्पीड डिटेक्शन सिस्टम और सिग्नलिंग सिस्टम लगाए गए हैं ताकि नियमों का सख्ती से पालन किया जा सके और यातायात व्यवस्था सुचारू रहे।
व्यापार और उद्योग में आएगी रफ्तार
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से व्यापार और उद्योगों में भी तेजी आएगी। यह मार्ग दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों को सीधे जोड़ता है। इसके जरिए व्यापारिक सामान की ढुलाई तेज होगी और बड़े उद्योगों को लाभ होगा। इसके साथ ही, विभिन्न उद्योगों में भी तेजी आएगी क्योंकि माल का परिवहन अब और भी सुगम हो जाएगा।
पर्यावरण के अनुकूल
यह एक्सप्रेसवे पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसमें विशेष व्यवस्था की गई है ताकि पर्यावरण पर नकारात्मक असर न पड़े। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में हरियाली बनाए रखने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के किनारे पेड़-पौधे लगाने की योजना भी बनाई गई है ताकि प्रदूषण कम हो सके और यह मार्ग पर्यावरण के प्रति