Balkeshwar Mahadev temple: श्रावण मास के दूसरे सोमवार को Balkeshwar Mahadev temple में भव्य मेला आयोजित किया जाएगा। इससे पहले, शहर के चारों कोनों पर स्थित प्राचीन शिव मंदिरों की रात के समय परिक्रमा की जाएगी। इस कारण मेले में भारी भीड़ जुटेगी। भीड़ को ध्यान में रखते हुए बलकेश्वर मंदिर में विशेष तैयारी की जा रही है।
भक्त बिना गर्भगृह में प्रवेश किए भगवान शिवलिंग का जल और दूध से अभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए मंदिर के द्वार पर विशेष जलधारी की व्यवस्था की गई है। भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त जलधारी भी लगाई जाएगी।
दूसरे सोमवार को गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध
मंदिर के महंत कपिल नगर ने बताया कि श्रावण मास के दूसरे सोमवार से पूर्व, रविवार शाम से ही परिक्रमा श्रद्धालु बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचेंगे और भगवान का अभिषेक करेंगे। सोमवार को पूरे दिन भी यही स्थिति बनी रहेगी। केवल सेवाधारी परिवार के सदस्य ही मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर सकेंगे। भक्तों की सुविधा के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने की व्यवस्था दूर से की गई है।इस व्यवस्था के साथ, शिव भक्त बलकेश्वर मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक कर सकेंगे।
दूध और जल सीधे भोले बाबा तक पहुंचेगा
मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह के एक गेट से शिवलिंग तक जलधारी की व्यवस्था की है, जिसके माध्यम से भक्तों द्वारा अर्पित दूध और जल सीधे बाबा तक पहुंचेगा। ऐसी ही व्यवस्था उज्जैन के महाकाल मंदिर और बनारस के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में भी की गई है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए, रविवार शाम से गर्भगृह के दूसरे गेट पर एक और इसी तरह की जलधारी लगाई जाएगी, जो अगले दिन शाम 4:00 बजे तक रहेगी।
दुकानें हटाई जाएंगी
मंदिर सेवक आर्चित पांड्या ने बताया कि श्रद्धालुओं को रविवार शाम से मंदिर में सीधे प्रवेश मिलेगा, जबकि मंदिर आने वाले भक्तों को बैरिकेड के माध्यम से मंदिर में आना होगा।
भीड़ के कारण मंदिर परिसर के चारों ओर फूल, प्रसाद आदि की दुकानें नहीं लगाई जाएंगी। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं को प्रोत्साहित करने के लिए मंदिर में एक विशेष बैंड की व्यवस्था की जाएगी, जो भक्ति गीतों की ध्वनि तरंगों को फैलाएगा। सोमवार को पहला प्रहर आरती सुबह 6:00 बजे आयोजित की जाएगी, जबकि बाबा की शयन आरती रात 10 बजे होगी।