Baba Siddiqui murder case: बाबा सिद्धिकी हत्या मामले में जीशान अख्तर के बारे में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जीशान अख्तर, जो इस हत्या मामले में फरार है, का डॉजियर यह दर्शाता है कि उसका लॉरेंस गैंग से सीधा संबंध है। जीशान के डॉजियर में लॉरेंस गैंग के सदस्य सौरव महाकाल का नाम भी शामिल है। बता दें कि सौरव महाकाल का नाम पहले भी पंजाब में सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में सामने आया था। सौरव महाकाल लॉरेंस गैंग का सक्रिय सदस्य है और अनमोल बिश्नोई का विशेष सहयोगी है।
जीशान के खिलाफ गंभीर मामले
जीशान अख्तर, जो पंजाब का निवासी है, का असली नाम मोहम्मद यासीन अख्तर बताया जा रहा है। उन्हें ज़ुल्मी, जेसी, जस्सी और सिकंदर के नाम से भी जाना जाता है। जीशान की गैंग में 22 से अधिक सदस्य हैं और उसके खिलाफ हत्या, डकैती, और फिरौती जैसे 7 गंभीर मामले दर्ज हैं। 2022 में जीशान को एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वह पटियाला जेल में लॉरेंस गैंग के सदस्यों से मिला।
जीशान का अपराधी सफर
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जेल से रिहा होने के बाद जीशान पहले हरियाणा के कैथल में गुरमेल के घर गया। वहां से दोनों मुंबई गए। जानकारी के अनुसार, जीशान ने मुंबई में एक किराए के मकान सहित अन्य लॉजिस्टिक्स की व्यवस्था की थी। जीशान की संगठित अपराधी दुनिया में घुसपैठ अब और भी स्पष्ट हो गई है।
विक्रम बारा के साथ संबंध
जीशान अख्तर का संपर्क कुख्यात गैंगस्टर विक्रम बारा के साथ भी था, जो लंबे समय से लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगी हैं। विक्रम बारा वही गैंगस्टर है जो राजस्थान के हनुमानगढ़ से है और पिछले साल यूएई से भारत में प्रत्यर्पित किया गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कुछ साल पहले जीशान के परिवार पर हमला हुआ था, जिसका बदला लेने के लिए उसने विक्रम बारा का समर्थन लिया। उस समय विक्रम बारा ने जीशान की मदद की थी, और इसके बदले जीशान को पंजाब में कुछ लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कहा गया था। इसके बाद जीशान ने पंजाब में विक्रम बारा के लिए कुछ गोलीबारी की घटनाएं कीं।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग की संलिप्तता
जीशान और विक्रम बारा के बीच की नजदीकी और विक्रम बारा का लॉरेंस के साथ पुराना संबंध यह साबित करता है कि बाबा सिद्धिकी हत्या मामले में लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल हो सकता है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि उन आरोपियों में से कुछ, जिन्हें सलमान खान के घर के बाहर धमकी भरे पत्र प्राप्त करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था, भी विक्रम बारा के साथ जुड़े हुए थे।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था की चुनौती
इस मामले में सामने आए खुलासे सुरक्षा और कानून व्यवस्था की दृष्टि से एक बड़ी चुनौती है। इस तरह के संगठित अपराध और गैंगवार्स से निपटने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों को अधिक सतर्क रहना होगा। यह न केवल जीशान जैसे अपराधियों के लिए बल्कि समाज की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।
आगे की जांच
इस मामले में आगे की जांच जारी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जीशान के नेटवर्क और लॉरेंस गैंग के बीच के संबंधों को स्पष्ट करने के लिए उन्हें और सबूत एकत्र करने की आवश्यकता है। साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि जो भी लोग इस मामले में शामिल हैं, उन्हें जल्द से जल्द पकड़कर न्याय के कटघरे में लाया जाए।
समाज की भूमिका
इस प्रकार की घटनाओं के बढ़ते मामलों ने समाज में असुरक्षा का माहौल बना दिया है। नागरिकों को भी इस विषय पर जागरूक होना होगा और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए। एक सुरक्षित समाज के लिए यह महत्वपूर्ण है कि लोग संगठित अपराध के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।