Amrish Puri’s birthday: Amrish Puri, जिन्हें बॉलीवुड के खलनायक के रूप में प्रसिद्ध किया गया, इस दिन 1932 में नवांशहर में जन्मे थे। उन्होंने 12 जनवरी 2005 को जीवन को अलविदा कहा, उम्र 72 साल की थी। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई महान चरित्रों को जीवंत किया। उनकी बोलियाँ आज भी लोगों की जुबां पर हैं। हर युग के सिनेमा प्रेमियों को उनकी बड़ी फिल्में और उनके निभाए गए प्रमुख किरदारों का पता है। अमरीश पुरी द्वारा कही गई बोलियाँ अब मीम्स के रूप में भी इस्तेमाल होती हैं।
Amrish Puri की श्रेष्ठ फिल्में: ‘मिस्टर इंडिया’
Amrish Puri के करियर की सबसे विशेष फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ जो 1987 में रिलीज़ हुई, उसमें उन्होंने ‘मोगाम्बो’ नामक एक खलनायक की भूमिका निभाई। इस फिल्म में उनकी बोली – ‘मोगाम्बो खुश हुआ’ बहुत प्रसिद्ध हुई। ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे’ भी उनके फिल्म करियर की महत्वपूर्ण फिल्मों में शामिल है, जो एक अलविदा ब्लॉकबस्टर साबित हुई। इस फिल्म में उनकी कौन सी बोली प्रसिद्ध हुई, इसका उल्लेख करना अत्यंत अनिवार्य है।
Amrish Puri की श्रेष्ठ फिल्में: ‘करण अर्जुन’
अमरीश पुरी की श्रेष्ठ फिल्मों की चर्चा ‘करण अर्जुन’ के बिना अधूरी रहेगी। आजकल की भाषा में, उनकी इस फिल्म में बोली – “मुझे लगा कि इस दुनिया में मेरे से ज्यादा कोई कमीना नहीं हो सकता, लेकिन तुमने सही समय पर इतनी कमीनगी दिखाई कि हम तुम्हारी कमीनगी के दास बन गए।” बहुत वायरल हुई।
Amrish Puri की श्रेष्ठ फिल्में: ‘दामिनी’
इसके अलावा, ‘घायल’, ‘घातक’, ‘गदर’ और ‘दामिनी’ भी अमरीश पुरी की श्रेष्ठ फिल्मों की सूची में सदैव शामिल रहेंगी। उनकी इस फिल्म में बोली – “यह अदालत है, भंडार या दरगाह नहीं, जहां इच्छाएं और अभिलाषाएं पूरी होती हैं। यहां, धूप-धुआं नहीं, बल्कि पक्के सबूत और साक्षात्कार पेश किए जाते हैं।” बहुत प्रसिद्ध हुई।
Amrish Puri की श्रेष्ठ फिल्में: ‘नायक’ और अन्य
उनकी श्रेष्ठ फिल्मों की बात करते समय ‘नायक’ का जिक्र किया बिना अधूरा होगा, जो 2001 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में उन्होंने एक मुख्यमंत्री की भूमिका निभाई थी जो एक पत्रकार को चुनौती देते हैं। ‘परदेस’, ‘तहलका’, ‘सौदागर’, ‘विजेता’, ‘दीवाना’, ‘ताल’, ‘राम लखन’, ‘गर्दिश’, ‘मेरी जंग’, ‘दोस्ताना’, ‘कोयला’ और ‘भूमिका’ भी उनकी शानदार फिल्मों में शामिल हैं।