ISRO और Elon Musk की SpaceX के बीच मेगा डील, GSAT-N2 उपग्रह को लॉन्च करेगी Falcon 9
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और Elon Musk की कंपनी SpaceX के बीच एक ऐतिहासिक डील हुई है। इस डील के तहत SpaceX का Falcon 9 रॉकेट भारत के सबसे आधुनिक संचार उपग्रह GSAT-N2 को अंतरिक्ष में स्थापित करेगा। यह लॉन्च अगले सप्ताह अमेरिका के केप कैनावेरल से किया जाएगा।
GSAT-N2: भारत का सबसे आधुनिक उपग्रह
ISRO द्वारा निर्मित GSAT-N2 उपग्रह का वजन 4700 किलोग्राम है, जो इसे भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह बनाता है। इसका मिशन जीवन 14 वर्षों का है और इसे पूरी तरह व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए तैयार किया गया है। उपग्रह को NSIL (न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड) द्वारा संचालित किया जा रहा है।
GSAT-N2 की खासियतों में 32 उपयोगकर्ता बीम शामिल हैं, जिनमें से आठ बीम पूर्वोत्तर भारत के लिए संकीर्ण स्पॉट बीम हैं और 24 बीम शेष भारत के लिए विस्तृत स्पॉट बीम हैं। यह उपग्रह हब स्टेशनों के माध्यम से भारत की मुख्य भूमि से जुड़ा रहेगा और इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने में मदद करेगा।
क्यों जरूरी था SpaceX का सहयोग?
भारत के पास अपने भारी उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए एरियनस्पेस पर निर्भरता रही है, लेकिन फिलहाल एरियनस्पेस का कोई भी रॉकेट उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा, भारत का लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (‘बाहुबली’) 4000 से 4100 किलोग्राम वजन तक के उपग्रहों को ही अंतरिक्ष में ले जा सकता है।
रूस और चीन जैसे विकल्प भारत के लिए अनुपयुक्त थे। यूक्रेन में जारी संघर्ष के कारण रूस वाणिज्यिक लॉन्च सेवाएं प्रदान करने में सक्षम नहीं है, और चीन के साथ भारत के रणनीतिक और सुरक्षा मुद्दे हैं। ऐसे में SpaceX भारत के लिए सबसे विश्वसनीय विकल्प बन गया।
591 करोड़ की लागत
GSAT-N2 के प्रक्षेपण पर अनुमानित लागत लगभग 591 करोड़ रुपये है। SpaceX के Falcon 9 रॉकेट का यह वाणिज्यिक प्रक्षेपण 60-70 मिलियन डॉलर में पूरा होगा। यह कदम भारत को अंतरिक्ष अनुसंधान और संचार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
भारत-अमेरिका संबंधों में बढ़ती गर्मजोशी
यह डील भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों का भी संकेत देती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अच्छे संबंधों के कारण यह डील और सुर्खियों में है। एलन मस्क, जो SpaceX के संस्थापक हैं, ने भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की है और भारत के साथ और अधिक साझेदारियों की इच्छा जताई है।
GSAT-N2 की तकनीकी खूबियां
यह उपग्रह भारत के दूरदराज के क्षेत्रों, विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत को बेहतर संचार सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह उपग्रह इन-फ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी को सक्षम करेगा, जो हवाई यात्रियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
अंतरिक्ष क्षेत्र में नए अवसर
ISRO और SpaceX की यह साझेदारी भारत को भविष्य में अंतरिक्ष क्षेत्र में और अधिक वाणिज्यिक अवसर प्रदान करेगी। यह डील भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की वैश्विक स्तर पर बढ़ती साख का प्रमाण है।
GSAT-N2 का प्रक्षेपण न केवल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि होगी, बल्कि यह अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की वाणिज्यिक और तकनीकी क्षमताओं को भी मजबूत करेगा। यह डील ISRO और SpaceX के लिए एक नई शुरुआत है, जो भविष्य में और बड़ी साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त करेगी।