Noida: गौतमबुद्ध नगर जिला अक्सर समाचारों में रहता है, चाहे वह समाज की समस्याओं के बारे में हो या विकास की गति या त्योहारों के दौरान बिक्री के आंकड़ों पर। दीवाली का त्योहार बीत चुका है, लेकिन इस बीच एक नई जानकारी सामने आई है कि इस साल दीवाली के दौरान यहां शराब की बिक्री में 25% का इजाफा हुआ है। इस बार, गौतमबुद्ध नगर के लोगों ने दीवाली समारोह के दौरान कुल 25 करोड़ रुपये की शराब का सेवन किया।
दीवाली पर शराब की बिक्री का आंकड़ा
उप मुख्यालय पर शुक्रवार को एक्साइज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर जिले में दीवाली समारोह के दौरान 25 करोड़ रुपये की शराब बिकने की जानकारी सामने आई है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 25% अधिक है। एक्साइज विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि पूरे अक्टूबर महीने में लोगों ने शराब पर 250 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 204 करोड़ रुपये था।
पिछले वर्ष का बिक्री आंकड़ा
जिला एक्साइज अधिकारी सुभोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि दीवाली के दौरान 29 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच विदेशी, देशी शराब और बीयर की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष दीवाली के दौरान शराब की बिक्री का आंकड़ा 18 करोड़ रुपये था, जो इस साल बढ़कर 25 करोड़ रुपये हो गया है। अक्टूबर के महीने में शराब की बिक्री की कुल राशि 204 करोड़ रुपये थी, जो इस वर्ष बढ़कर 250 करोड़ रुपये हो गई है।
शराब की दुकानों की संख्या
सुभोध कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में लगभग 564 शराब की दुकानें हैं, जिनमें विदेशी शराब, देशी शराब, मॉडल दुकानें और बीयर की दुकानें शामिल हैं। ये सभी दुकानें मिलकर इस बड़े आंकड़े में योगदान दे रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि इस साल दीवाली के समय में शराब की बिक्री में हुई बढ़ोतरी से यह साफ जाहिर होता है कि लोग त्योहारों को मनाने में खासा रुचि दिखा रहे हैं।
त्योहारों के दौरान शराब की बढ़ती बिक्री
गौतमबुद्ध नगर में दीवाली के समय शराब की बिक्री में इस तरह की वृद्धि पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह एक सांस्कृतिक प्रवृत्ति बनती जा रही है, जबकि अन्य इसे समाज के लिए चिंताजनक मानते हैं। शहर में शराब की बढ़ती बिक्री से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श जारी है, क्योंकि इस स्थिति को नियंत्रित करना जरूरी है।
दीवाली पर शराब की बिक्री का सामाजिक प्रभाव
इस साल दीवाली पर शराब की बिक्री में वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि त्योहारों के दौरान लोग अधिक शराब का सेवन कर रहे हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर समाज में गंभीर विचार करने की आवश्यकता है। शराब की अधिक बिक्री न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह सामाजिक समस्याओं को भी जन्म देती है।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दे
बढ़ती शराब की बिक्री से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। शराब का अधिक सेवन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव डालता है। इसके अलावा, बढ़ती शराब की बिक्री से सड़क दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है, जो कि एक गंभीर चिंता का विषय है।
सरकार की भूमिका
सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह जरूरी है कि वे शराब की बिक्री को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाएं। इसके साथ ही, शराब के दुरुपयोग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए समाज में कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
गौतमबुद्ध नगर में दीवाली पर शराब की बिक्री में 25% की वृद्धि एक ऐसा मुद्दा है जिस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह समाज में व्यापक समस्याओं को जन्म दे सकता है। समय आ गया है कि समाज और सरकार मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालें ताकि दीवाली जैसे त्योहारों का जश्न मनाने का तरीका सुरक्षित और स्वस्थ हो सके।
गौतमबुद्ध नगर में हुई इस शराब की बिक्री के आंकड़े ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमें अपने त्योहारों को किस तरह से मनाना चाहिए और इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि शराब का सेवन किस हद तक किया जाना चाहिए। हमें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में इस मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए और अपने स्वास्थ्य और समाज के कल्याण के लिए सकारात्मक कदम उठाने चाहिए।