CM Atishi ने BJP पर लगाया बड़ा आरोप: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच छठ पूजा को लेकर राजनीतिक तापमान तेजी से बढ़ रहा है। पूर्वांचल और बिहार के वोटरों को साधने के लिए बीजेपी और आम आदमी पार्टी (AAP) आमने-सामने आ गए हैं। दिल्ली के साकेत के सतपुला पार्क में छठ पूजा के आयोजन को लेकर आप ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के माध्यम से छठ घाट के निर्माण कार्य को रोका जा रहा है और पार्क के गेट को बंद कर दिया गया है।
इस घटना के बाद आप कार्यकर्ताओं ने विरोध में सतपुला पार्क के बाहर धरना दिया है। दूसरी ओर, बीजेपी ने दावा किया है कि जन सेवा समिति को DDA द्वारा छठ पूजा के आयोजन की अनुमति दी गई है, और आप के लोग इस आयोजन में बाधा डाल रहे हैं।
मुख्यमंत्री का बीजेपी पर आरोप: ‘पूर्वांचल विरोधी चेहरा सामने आया’
सतपुला पार्क के बाहर धरने पर बैठे आप कार्यकर्ताओं को दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज का समर्थन भी मिला। उन्होंने भी इस धरने में देर शाम शामिल होकर आप कार्यकर्ताओं का समर्थन किया। इस बीच, मुख्यमंत्री आतिशी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि छठ घाट के कार्य को रोकना निंदनीय है।
उन्होंने कहा कि सतपुला में छठ घाट का काम रोकना पूर्वांचलियों की आस्था का अपमान है। आतिशी के अनुसार, इस घटना से बीजेपी का पूर्वांचल विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। इस मौके पर आप सांसद संजय सिंह ने भी बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी केवल हिंदू समर्थक होने का दिखावा करती है, असल में वह गरीब, दलित और पूर्वांचल विरोधी पार्टी है।
बीजेपी का पलटवार: ‘AAP के आरोप बेबुनियाद’
आम आदमी पार्टी के आरोपों के जवाब में बीजेपी के नेता और जन सेवा समिति के सुरज चौहान ने दावा किया कि छठ पूजा के आयोजन के लिए उन्हें DDA से अनुमति प्राप्त है। बीजेपी की प्रवक्ता और निगम पार्षद शिखा राय ने आप के आरोपों को खारिज करते हुए इसे हिंदू विरोधी बताया। उन्होंने कहा कि इस पार्क में पिछले 16 वर्षों से छठ पूजा का कार्यक्रम आयोजित होता आ रहा है। पिछले कुछ सालों से आप कार्यकर्ता छठ से कुछ दिन पहले पार्क में कब्जा कर लेते हैं और अपनी मनमानी करते हैं।
आप कार्यकर्ताओं की धमकी
सुरज चौहान ने बताया कि जब स्थानीय लोग शनिवार को सफाई के लिए पार्क में पहुंचे, तो उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद जब वह स्वयं वहां सफाई के लिए गईं, तो आप कार्यकर्ताओं ने उन्हें भी रोकने का प्रयास किया और बीजेपी कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय लोगों पर दबाव डालकर उन्हें वहां से चले जाने के लिए धमकाने लगे। आप कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे यहां छठ पूजा नहीं होने देंगे।
धार्मिक आस्था पर राजनीति
छठ पूजा का आयोजन पूर्वांचल और बिहार के लोगों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि उनकी धार्मिक आस्था और परंपरा का प्रतीक है। जब राजनीतिक दल इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर राजनीति करते हैं, तो यह स्थानीय लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाता है। छठ पूजा के आयोजन में रुकावट डालने के आरोप से पूर्वांचलियों में आक्रोश बढ़ सकता है।
दिल्ली में छठ पूजा और पूर्वांचल वोट बैंक
दिल्ली में बड़ी संख्या में पूर्वांचली लोग रहते हैं और विधानसभा चुनाव में उनका वोट बैंक निर्णायक साबित हो सकता है। इसी वजह से सभी राजनीतिक दल उनके समर्थन को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। यह घटना आगामी चुनावों में राजनीतिक दलों की रणनीति को भी प्रभावित कर सकती है।
छठ पूजा के आयोजन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बढ़ती तनातनी ने यह साबित कर दिया है कि धार्मिक आयोजनों का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए किया जा रहा है। चाहे बीजेपी हो या आप, दोनों ही दल छठ पूजा के माध्यम से पूर्वांचल के वोटरों को आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि धार्मिक आयोजनों को राजनीति से दूर रखा जाए और लोगों की आस्था का सम्मान किया जाए।
इस तरह के विवाद से न केवल समाज में तनाव बढ़ता है, बल्कि राजनीतिक दलों के प्रति जनता का विश्वास भी कम होता है। हमें आशा है कि आने वाले समय में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जाएगा और सभी दल मिलकर छठ पूजा जैसे धार्मिक आयोजनों को सही और सम्मानजनक ढंग से संपन्न करने में सहयोग करेंगे।