Delhi: दीपावली के नजदीक आते ही एक बार फिर से अवैध पटाखों का कारोबार दिल्ली में सिर उठाने लगा है। राजधानी में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को ध्यान में रखते हुए पटाखों की खरीद और बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध है, फिर भी अवैध रूप से पटाखों का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा। दिल्ली पुलिस ने पिछले तीन दिनों में 1404 किलोग्राम अवैध पटाखे जब्त किए हैं। इस दौरान पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
तीन दिनों में अवैध पटाखों का जखीरा पकड़ा
दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दो लोगों को गिरफ्तार कर 104 किलोग्राम पटाखे बरामद किए। पुलिस को सूचना मिली थी कि बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में खाद्य पदार्थों के साथ पटाखे छिपाकर ले जाए जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने एक मोटरसाइकिल को रोका और चालक मोहम्मद अकीब (24) को गिरफ्तार किया। तलाशी के दौरान खाद्य पदार्थों के बीच 10 किलोग्राम पटाखे छिपे हुए पाए गए।
93 किलो पटाखे और जब्त
अकीब की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की, जिसमें उसने बताया कि उसने ये पटाखे तालिब यूसुफ (46) के गोदाम से खरीदे थे। इसके बाद पुलिस ने यूसुफ को उसके गोदाम से गिरफ्तार कर लिया और वहां से 93 किलोग्राम से ज्यादा पटाखे बरामद किए गए।
रविवार को भी हुई थी बड़ी बरामदगी
इसके पहले, रविवार को दिल्ली पुलिस ने एक अन्य बड़ी कार्रवाई में 1300 किलोग्राम से अधिक अवैध पटाखे जब्त किए थे। इस कार्रवाई में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनकी पहचान मनोज कुमार, संजय अत्री और विपिन कुमार के रूप में हुई थी। पुलिस ने बताया कि मनोज कुमार पटाखों की बिक्री करता था और अत्री इन पटाखों की सप्लाई का काम करता था।
दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (अपराध) सतीश कुमार ने बताया, “कुल 1323 किलोग्राम प्रतिबंधित पटाखे दो गोदामों से जब्त किए गए हैं। दोनों गोदामों के मालिक और सप्लाई करने वाले ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है।”
अवैध पटाखों की आपूर्ति की पूरी श्रृंखला
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि मनोज कुमार और संजय अत्री ने पटाखों की आपूर्ति प्रेम नगर और किराड़ी इलाकों में की थी। पूछताछ के दौरान उन्होंने एक और गोदाम के बारे में जानकारी दी, जहां से विपिन को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है।
प्रदूषण और अवैध पटाखों का काला कारोबार
दिल्ली में पहले से ही प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है, और पटाखों का जलाना इसे और भी बदतर कर देता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं और हानिकारक गैसें न केवल वायु गुणवत्ता को खराब करती हैं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। दिल्ली सरकार और पर्यावरणविदों ने समय-समय पर चेतावनी दी है कि प्रदूषण के इस स्तर पर पटाखों का इस्तेमाल वायु गुणवत्ता को और खराब कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल को नियंत्रित करने के लिए सख्त कानूनों के साथ-साथ जनता में जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। दीपावली का त्योहार खुशियों का प्रतीक है, लेकिन इन खुशियों के साथ अगर हम अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण का ध्यान नहीं रखेंगे, तो यह आने वाले समय में गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
पुलिस की कार्रवाई और भविष्य की चुनौतियाँ
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि भले ही पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया हो, लेकिन अवैध रूप से पटाखों का कारोबार अभी भी जारी है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ अवैध पटाखों को जब्त करने से प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है? या फिर इसके लिए हमें और सख्त कदम उठाने होंगे?
पटाखों की जब्ती के बाद भी यह खतरा बना रहता है कि लोग चोरी-छिपे इन पटाखों का इस्तेमाल करेंगे। इसके लिए जरूरी है कि पुलिस और प्रशासन अपनी सतर्कता और बढ़ाए, ताकि इन पटाखों का इस्तेमाल न हो सके। इसके साथ ही, आम जनता को भी जागरूक करने की आवश्यकता है कि वे प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में अपना योगदान दें।
समाधान की ओर कदम
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यहां पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन सिर्फ प्रतिबंध लगाने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसके लिए सरकार, पुलिस और आम जनता को एक साथ आकर काम करना होगा।
- सख्त निगरानी: अवैध पटाखों के कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए पुलिस को और सतर्क रहने की जरूरत है। इसके अलावा, शहर के विभिन्न इलाकों में नियमित जांच और छापेमारी की जानी चाहिए।
- जन जागरूकता: लोगों को यह समझाने की जरूरत है कि पटाखों का इस्तेमाल किस तरह से उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके लिए सरकार और पर्यावरण संगठनों को मिलकर जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
- वैकल्पिक उत्सव: पटाखों के बिना भी दीवाली मनाने के कई तरीके हो सकते हैं, जैसे दीयों और रंग-बिरंगी लाइट्स का इस्तेमाल। इसके साथ ही, सरकार को प्रदूषण रहित पटाखों को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए।
- कानूनी सख्ती: अवैध पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर सख्त कानून लागू किए जाने चाहिए। जिन लोगों को पटाखों की बिक्री या इस्तेमाल करते पकड़ा जाता है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।