Mahadev Betting App: महादेव बेटिंग घोटाले के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर को दुबई में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर की गई। ED ने यह बड़ी कार्रवाई विदेश मंत्रालय (MEA) और गृह मंत्रालय के सहयोग से की है। अधिकारियों के अनुसार, यूएई के अधिकारियों ने कल विदेश मंत्रालय से आधिकारिक रूप से संपर्क किया और दुबई में सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी।
सौरभ चंद्राकर को 10 दिनों के भीतर भारत लाया जाएगा
सूत्रों के अनुसार, सौरभ चंद्राकर को 2023 में ED की कार्रवाई के बाद दुबई में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था। तब से उन्हें हाउस अरेस्ट में रखा गया था। ED के सूत्रों का कहना है कि अब लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं और उन्हें अगले 10 दिनों में भारत निर्वासित किया जाएगा। महादेव ऐप मामले में कुछ राजनीतिक नेताओं के नाम भी सामने आए हैं।
दुबई में हाउस अरेस्ट में रखा गया था चंद्राकर
पिछले वर्ष दिसंबर में, चंद्राकर को दुबई में हाउस अरेस्ट में रखा गया था। छत्तीसगढ़ के रायपुर में विशेष प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉंडरिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट में दायर की गई प्रारंभिक चार्जशीट में ED ने चंद्राकर, उप्पल और अन्य कई लोगों का नाम लिया था। चार्जशीट में सौरभ चंद्राकर के चाचा दिलीप चंद्राकर के बयान का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया था कि सौरभ ने 2019 में दुबई जाने से पहले अपने भाई के साथ भिलाई, छत्तीसगढ़ में ‘जूस फैक्ट्री’ नामक एक जूस की दुकान चलाई थी।
फरवरी 2023 में दुबई में की थी शादी
ED ने आरोप लगाया है कि सौरभ ने फरवरी 2023 में यूएई के रस अल खैमाह में शादी की और इस कार्यक्रम पर लगभग 200 करोड़ रुपये नकद खर्च किए। इसमें भारत से रिश्तेदारों को लाने के लिए प्राइवेट जेट्स का किराया शामिल था और कुछ सेलेब्रिटीज़ को भी भुगतान किया गया था। ED का अनुमान है कि इस मामले में लगभग 6000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि ED की जांच में पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होता है।
महादेव ऐप का घोटाला
महादेव ऐप एक ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म है, जिसे कथित तौर पर सौरभ चंद्राकर और उसके सहयोगियों द्वारा चलाया जाता है। इस ऐप पर किए गए दावों की संख्या और उनके पीछे के नेटवर्क ने इसे न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित बना दिया है। आरोप है कि इस ऐप के माध्यम से लाखों लोगों से पैसे जुटाए गए, जिसके बाद यह पैसा विभिन्न तरीकों से हेराफेरी किया गया।
मामला बढ़ता गया
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब ED ने सौरभ चंद्राकर और उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉंडरिंग के आरोपों की जांच शुरू की। जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए, जिसमें बताया गया कि कैसे यह सिंडिकेट विभिन्न देशों में फैल गया था। सौरभ के दुबई जाने और वहां पर अपना नेटवर्क बनाने के बाद, यह मामला और भी गंभीर हो गया।
राजनीतिक संबंध
महादेव बेटिंग ऐप के मामले में कुछ राजनीतिक नेताओं के नाम सामने आने से इस मामले ने और भी तूल पकड़ लिया है। यह आरोप लगाया गया है कि कुछ राजनीतिक नेता इस सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं, जिससे इसकी गहराई और बढ़ गई है। राजनीतिक नेताओं के नाम उजागर होने से जांच की दिशा और अधिक संवेदनशील बन गई है।
सौरभ चंद्राकर का बैकग्राउंड
सौरभ चंद्राकर का जन्म और पालन-पोषण छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक छोटे से जूस की दुकान से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने ऑनलाइन बेटिंग के क्षेत्र में कदम रखा। उन्होंने धीरे-धीरे अपने नेटवर्क को बढ़ाया और महादेव बेटिंग ऐप की स्थापना की, जिसने उन्हें बड़ी संपत्ति दिलाई।
इस मामले में ED की भूमिका
ED ने इस मामले में सक्रियता दिखाते हुए कई बार छापे मारे हैं और कई लोगों को गिरफ्तार किया है। ED का मुख्य उद्देश्य इस तरह के संगठनों का अंत करना और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना है जो मनी लॉंडरिंग में शामिल हैं। उनकी कार्रवाई में यह सुनिश्चित करना शामिल है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।
क्या होगा आगे?
सौरभ चंद्राकर की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट है कि भारतीय एजेंसियों ने अब इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय ड्रग और बेटिंग सिंडिकेट्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। जैसे ही चंद्राकर भारत वापस लौटेगा, उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी और वह अपने खिलाफ लगे आरोपों का सामना करेगा।