Uttar Pradesh: हाल ही में उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें रेलवे ट्रैक पर एक कंक्रीट का पिलर रखा गया था। यह घटना शनिवार को कबराई पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई, जब एक यात्री ट्रेन के ड्राइवर ने एक पिलर को ट्रैक पर देखा और उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। इस घटना के आधार पर रेलवे अधिकारियों की शिकायत पर महोबा पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की है। साथ ही, पुलिस ने एक 16 वर्षीय लड़के को भी हिरासत में लिया है। यह ध्यान देने वाली बात है कि शनिवार को बलिया में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस सर्कल ऑफिसर (सीओ) दीपक दुबे ने बताया, “कबराई पुलिस स्टेशन क्षेत्र के Banda-Mahoba रेलवे मार्ग पर ‘फेंसिंग पिलर’ रखने के आरोप में 16 वर्षीय लड़के को हिरासत में लिया गया है। आगे की जांच जारी है।” उन्होंने कहा कि यह घटना तब सामने आई जब एक यात्री ट्रेन के ड्राइवर ने रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और स्थानीय पुलिस को ट्रैक पर पिलर रखने की सूचना दी। क्षेत्र के अधिकारी ने बताया कि “एक पुलिस टीम और RPF मौके पर पहुंची और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया। नाबालिग ने ट्रैक पर पिलर रखने की बात कबूल की है।” अधिकारी ने बताया कि पिलर को ट्रैक से हटा दिए जाने के बाद मार्ग पर रेल यातायात तुरंत फिर से शुरू हो गया।
बलिया में भी दुर्घटना का खतरा
इस घटना के कुछ घंटे बाद, बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र में भी एक गंभीर घटना हुई। वहां पर एक ट्रेन इंजन ने ट्रैक पर रखे एक पत्थर से टकरा गया। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 10:25 बजे वाराणसी-बालिया-छपरा रेल खंड पर ट्रैक पर एक पत्थर पाया गया। उन्होंने बताया कि लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस (15054) के इंजन का ‘कैटल गार्ड’ पत्थर से टकरा गया। कुमार ने कहा कि जब लोको पायलट ने ट्रैक पर पत्थर देखा, तो उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाई।
साजिश का मामला
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में ट्रैक पर गैस सिलेंडर, पिलर और अन्य वस्तुओं को रखने की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। यह घटनाएँ न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं, बल्कि रेल प्रशासन की दक्षता पर भी सवाल उठाती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की साजिशें गंभीर अपराध की श्रेणी में आती हैं और इन पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है।
इस स्थिति के मद्देनजर, रेलवे सुरक्षा बल और स्थानीय पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे ट्रैक के आसपास सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।
यात्रियों की सुरक्षा
यात्रियों की सुरक्षा रेलवे प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं न केवल रेल यात्रियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चिंता का विषय हैं। महोबा की घटना ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्थाओं की जांच करने की आवश्यकता को उजागर किया है। रेलवे प्राधिकरण को चाहिए कि वे सुरक्षा के उपायों को और सख्त करें और लोगों को जागरूक करें ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।