Big news for Delhiites: राजधानी दिल्ली में रहने वाले लोगों को एक बार फिर जल संकट का सामना करना पड़ेगा। दिल्ली जल बोर्ड ने सूचित किया है कि 1100 मिमी की रोहिणी पानी की मुख्य लाइन के इंटरकनेक्शन कार्य के कारण 25 सितंबर सुबह 10 बजे से 26 सितंबर सुबह 4 बजे तक पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी।
रोहिणी के इन क्षेत्रों में नहीं मिलेगा पानी
दिल्ली जल बोर्ड ने बताया कि इंटरकनेक्शन और मरम्मत कार्य के कारण रोहिणी के सेक्टर-9, सेक्टर-11, सेक्टर-13, सेक्टर-16, सेक्टर-17, ईएसआई अस्पताल, ऋठाला गांव और इसके आसपास के क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति नहीं होगी। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से जल बोर्ड ने पहले से ही पानी का संग्रहण करने की अपील की है ताकि 25 सितंबर को उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
जल संकट का कारण
दिल्ली जल बोर्ड के अनुसार, हायरपुर वाटर वर्क्स-II से 1100 मिमी की रोहिणी मुख्य लाइन के इंटरकनेक्शन का कार्य किया जाना है। यह कार्य बहुत ही जरूरी है और इसके बिना जल आपूर्ति के कार्य में समस्याएं हो सकती हैं। इसी कारण 25 और 26 सितंबर को जल आपूर्ति बंद रखी जाएगी ताकि यह कार्य बिना किसी रुकावट के संपन्न हो सके।
पहले भी हो चुका है जल संकट
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इससे पहले भी 20 सितंबर को दिल्ली के कई इलाकों में 12 घंटे तक पानी की आपूर्ति बाधित रही थी। उस समय चंद्रावल वाटर वर्क्स से निकली 500 मिमी की व्यास वाली राइजिंग मुख्य लाइन में लीकेज की मरम्मत के कारण पानी की आपूर्ति रोकी गई थी। इसका असर सिविल लाइन्स, हिंदूराव अस्पताल, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, पुराने और नए राजेंद्र नगर, पटेल नगर (पूर्व और पश्चिम), बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, छावनी के कुछ हिस्सों और एनडीएमसी क्षेत्रों में देखा गया था।
जल संकट से प्रभावित क्षेत्र
इस बार जल संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित रोहिणी के क्षेत्र होंगे। रोहिणी के सेक्टर-9, सेक्टर-11, सेक्टर-13, सेक्टर-16, सेक्टर-17 और इसके आस-पास के इलाकों में जल आपूर्ति पूरी तरह बंद रहेगी। इसके अलावा, ऋठाला गांव और ईएसआई अस्पताल के क्षेत्र भी इस जल संकट से प्रभावित होंगे। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जल बोर्ड ने पहले ही चेतावनी दी है कि वे अपने घरों में पानी का संग्रहण कर लें।
जल संकट से निपटने के लिए क्या करें?
दिल्ली जल बोर्ड ने प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से पहले से पानी की व्यवस्था करने की अपील की है। इसके लिए आप निम्न उपाय कर सकते हैं:
- पानी का संग्रहण: प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने घरों में पर्याप्त मात्रा में पानी का संग्रहण कर सकते हैं ताकि उन्हें 25 और 26 सितंबर को पानी की कमी न महसूस हो।
- पानी का संयमित उपयोग: जब तक जल आपूर्ति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक पानी का संयमित उपयोग करें। केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही पानी का इस्तेमाल करें।
- जल बोर्ड के टैंकरों की सेवा: जल संकट के दौरान, दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पानी के टैंकरों की सेवा भी प्रदान की जाती है। आपातकालीन स्थिति में इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है। जल बोर्ड के टैंकर से पानी की आपूर्ति करने वाले हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी पहले से प्राप्त कर लें।
- पानी का पुनः उपयोग: बचे हुए पानी का पुनः उपयोग कर सकते हैं, जैसे- बर्तन धोने या पौधों को पानी देने के लिए।
पहले के जल संकट की स्थिति
दिल्ली में जल संकट कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी राजधानी के कई इलाकों में जल आपूर्ति बाधित रही है। 20 सितंबर को चंद्रावल वाटर वर्क्स से निकली 500 मिमी की पाइपलाइन में लीकेज के कारण उत्तरी दिल्ली के कई क्षेत्रों में 12 घंटे तक पानी की आपूर्ति बंद रही थी। इसका असर सिविल लाइन्स, हिंदूराव अस्पताल, करोल बाग, पहाड़गंज, कमला नगर, शक्ति नगर और एनडीएमसी क्षेत्रों में देखा गया था।
जल संकट के पीछे कारण
दिल्ली में जल संकट के पीछे कई कारण हैं। इनमें प्रमुख कारण हैं- पाइपलाइनों में लीकेज, पुराने और जर्जर हो चुके जल वितरण सिस्टम और पानी की मांग में लगातार बढ़ोतरी। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड समय-समय पर मरम्मत और सुधार कार्य करता रहता है। हालांकि, इन कार्यों के कारण कुछ समय के लिए जल आपूर्ति बाधित हो जाती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है।
समाधान और भविष्य की योजना
दिल्ली जल बोर्ड लगातार शहर की जल आपूर्ति व्यवस्था को सुधारने के प्रयास कर रहा है। पुराने और जर्जर हो चुके पाइपलाइनों की मरम्मत के साथ-साथ नए जल स्रोतों की खोज और वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अलावा, जल बोर्ड ने जल आपूर्ति को संतुलित करने के लिए जल संचयन और वर्षा जल संचयन को भी प्रोत्साहित किया है।