Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में ट्रेन को पलटने की एक और साजिश का मामला सामने आया है। हालांकि, समय पर ट्रेन को रोकने के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। यह घटना कानपुर देहात जिले के प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास हुई, जहां एक सामान ट्रेन के सामने गैस सिलेंडर रखा गया था। यह घटना रविवार सुबह 6:09 बजे की है। यह कानपुर में ट्रेन को पटरी से उतारने की तीसरी साजिश है। इससे पहले, एक दुर्घटना में 20 बोगियां पटरी से उतर गई थीं।
घटना का विवरण
रविवार सुबह प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास, दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन पर एक छोटे गैस सिलेंडर को ट्रैक पर रखा गया था। ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रैक पर सिलेंडर को देखा और समय पर ट्रेन को रोक दिया, जिससे कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसके बाद, उन्होंने सभी संबंधित विभागों को इस बारे में सूचना दी। रेलवे के IOW, सुरक्षा बल और अन्य टीमों ने इस सिलेंडर की जांच की और इसे ट्रैक से हटा दिया।
सिलेंडर की जांच
जांच के दौरान पता चला कि यह एक खाली 5-लीटर गैस सिलेंडर है, जिसे सिग्नल से कुछ पहले ट्रैक पर रखा गया था। इस घटना की जांच के लिए निर्देश दिए गए हैं। अगर ट्रेन समय पर नहीं रुकती, तो एक बड़ा हादसा हो सकता था। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। वर्तमान में, RPF, GRPF और UP पुलिस उस स्थान की जांच कर रही हैं जहां सिलेंडर ट्रैक पर पाया गया था, साथ ही डॉग स्क्वाड भी तैनात किया गया है। ट्रैक के आस-पास के स्थानों की भी जांच की जा रही है।
पूर्व की घटनाएँ
इससे पहले, पांकी औद्योगिक क्षेत्र के पास एक दुर्घटना में सबरमती एक्सप्रेस की इंजन और 20 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। यह घटना न केवल यात्रियों के लिए खतरनाक थी, बल्कि इससे ट्रेन सेवा भी प्रभावित हुई थी। पिछले कुछ समय में उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे यात्रियों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी है।
साजिश के पीछे की मंशा
ऐसे मामलों में, साजिशकर्ताओं की मंशा हमेशा गंभीर होती है। यह स्पष्ट नहीं है कि इस बार साजिश किस उद्देश्य से की गई थी, लेकिन रेलवे सुरक्षा बल और अन्य जांच एजेंसियों का मानना है कि ऐसे कृत्य न केवल यात्रियों के लिए खतरा पैदा करते हैं, बल्कि इससे देश की रेलवे प्रणाली पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ट्रेन सेवाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यकता
इस घटना ने रेलवे सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। यात्रियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए रेलवे प्रशासन को और अधिक सतर्क रहना होगा। रेलवे के ट्रैक और स्टेशनों की नियमित निगरानी और जांच की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल के बीच समन्वय बढ़ाने की आवश्यकता है।
नागरिकों की जिम्मेदारी
सिर्फ सरकारी एजेंसियों ही नहीं, बल्कि नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। यदि किसी को ट्रैक के पास कोई संदिग्ध वस्तु दिखाई देती है, तो उसे तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। इससे न केवल यात्रियों की सुरक्षा में मदद मिलेगी, बल्कि रेलवे प्रणाली को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।