Bihar: बक्सर जिले में एक गधे की मौत को लेकर इतना हंगामा हुआ कि पुलिस को 65 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करनी पड़ी। इस घटना ने ना केवल स्थानीय समुदाय को प्रभावित किया, बल्कि यह भी सवाल उठाया कि किस प्रकार की परिस्थितियों में पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
गधे की मौत का कारण
खबरों के अनुसार, यह गधा कथित रूप से बिजली की करंट से मारा गया। यह घटना केशथ ब्लॉक के एक गांव में हुई, जहाँ स्थानीय लोगों ने इस घटना के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग की लापरवाही के कारण गधे की मौत हुई है, जिसके चलते उन्होंने गुस्से में आकर बिजली की आपूर्ति को रोक दिया।
प्रदर्शन का विस्तार
बक्सर के पुलिस अधीक्षक शुभम आर्य ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि घटना के तुरंत बाद, बड़ी संख्या में ग्रामीण चकौड़ा पावर ग्रिड स्टेशन के बाहर इकट्ठा हो गए। उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए पावर ग्रिड कार्यालय में घुसकर क्षेत्र की बिजली आपूर्ति को रोक दिया। यह घटना 11 सितंबर को हुई थी और इस प्रदर्शन ने क्षेत्र में लगभग 3 घंटे तक बिजली की आपूर्ति बाधित की।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राज्य बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना की शिकायत की, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने FIR दर्ज की। इस FIR में 65 ग्रामीणों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने बिजली की आपूर्ति को बाधित किया और सरकारी कर्मचारियों के काम में रुकावट डाली।
ग्रामीणों की शिकायत
ग्रामीणों ने भी 13 सितंबर को बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बिजली विभाग ने समय पर उचित कदम उठाए होते, तो गधे की मौत नहीं होती। इस मामले में पुलिस अब और गहराई से जांच कर रही है।
पशुओं की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि पशुओं की सुरक्षा के लिए उचित उपाय क्या हैं। ग्रामीणों का गुस्सा इस बात का संकेत है कि स्थानीय प्रशासन को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए। क्या बिजली विभाग की लापरवाही और प्रशासनिक विफलता के कारण ऐसे घटनाएं होती हैं?
बिजली विभाग की भूमिका
बिजली विभाग की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करे कि उसकी सेवाएं सुरक्षित और जिम्मेदार हैं। ऐसे मामलों में जहां जानवरों की सुरक्षा का प्रश्न उठता है, वहां विभाग को और भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।