Bihar: बिहार के अररिया लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह को एक गैंगस्टर ने जान से मारने की धमकी दी है। इस धमकी में सांसद से 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की गई है, साथ ही गैंगस्टर ने अपने दो भाइयों की रिहाई में मदद करने को कहा है। यह धमकी नेपाल के ‘आईएसडी कोड’ नंबर से भेजे गए एक संदेश के जरिए दी गई है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और सांसद की सुरक्षा बढ़ा दी है।
गैंगस्टर की धमकी: अगर निर्देश नहीं माने तो हत्या की धमकी
अररिया पुलिस द्वारा जारी बयान के अनुसार, सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 27 अगस्त को उनके मोबाइल फोन पर नेपाल के एक ‘आईएसडी कोड’ वाले नंबर से एक संदेश आया। इस संदेश में खुद को विनोद राठौर नामक व्यक्ति बताया गया और 10 लाख रुपये की मांग की गई। इसके साथ ही, गैंगस्टर ने सांसद से उनके दो भाइयों की रिहाई के लिए हस्तक्षेप करने की बात कही है, जो वर्तमान में भागलपुर जेल में बंद हैं।
सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि धमकी भरे संदेश में लिखा था, “यह आखिरी चेतावनी है। अगर आप हमारे निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, तो हम आपको मार देंगे।” सांसद ने इस धमकी के तुरंत बाद पुलिस को सूचित किया और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
विनोद राठौर: वांछित अपराधी और फरार गैंगस्टर
पुलिस के बयान के मुताबिक, धमकी भेजने वाले गैंगस्टर विनोद राठौर के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह लंबे समय से फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस ने यह भी बताया कि विनोद राठौर की संपत्तियां जब्त कर ली गई हैं।
विनोद के दो भाई, दिनेश राठौर और विजय राठौर, वर्तमान में भागलपुर जेल में बंद हैं। गैंगस्टर ने सांसद से इन दोनों भाइयों की रिहाई के लिए मदद की मांग की है, लेकिन सांसद ने इस मांग को ठुकरा दिया।
पुलिस ने बढ़ाई सांसद की सुरक्षा
सांसद प्रदीप कुमार सिंह की सुरक्षा को देखते हुए, अररिया पुलिस ने तुरंत कदम उठाते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। पुलिस ने कहा है कि सांसद की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी और मामले की जांच तेजी से की जा रही है।
पुलिस ने धमकी देने वाले गैंगस्टर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने यह भी कहा कि फरार गैंगस्टर विनोद राठौर की गिरफ्तारी के लिए कई ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
धमकी से उत्पन्न तनाव और राजनीतिक हलचल
सांसद को मिली इस धमकी ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। बीजेपी सांसद को मिली इस तरह की धमकी ने राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटना से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न हो गई हैं, खासकर तब जब एक सत्ताधारी पार्टी के सांसद को इस तरह की धमकी मिलती है।
इस घटना के बाद राज्य के कई नेताओं ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। बीजेपी के कई नेताओं ने सरकार से मांग की है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ताकि किसी भी प्रकार का असुरक्षा का माहौल न पैदा हो।
अपराध और राजनीति का गठजोड़
बिहार में अपराध और राजनीति के गठजोड़ की चर्चा लंबे समय से होती रही है। इस घटना ने इस मुद्दे को और अधिक गहराई से उठाया है। राज्य में राजनीति से जुड़े कई नेताओं और सार्वजनिक व्यक्तियों को पहले भी इस तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा है, लेकिन इस बार मामला एक सांसद से जुड़ा होने के कारण मामला और गंभीर हो गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि राज्य में अपराधियों की हिम्मत कितनी बढ़ चुकी है और वे सार्वजनिक रूप से नेताओं को धमकाने से भी नहीं चूकते। इससे राज्य की कानून व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आगे की कार्रवाई
पुलिस और सुरक्षा एजेंसियाँ इस मामले की जांच कर रही हैं और जल्द से जल्द इस मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही हैं। फरार गैंगस्टर विनोद राठौर की गिरफ्तारी के लिए राज्य भर में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस ने नेपाल सरकार से भी संपर्क किया है ताकि उस नंबर का पता लगाया जा सके जिससे धमकी भरा संदेश भेजा गया था।
इस घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के ऊपर दबाव और बढ़ गया है कि वे जल्द से जल्द इस मामले को हल करें और गैंगस्टर को गिरफ्तार करें।
निष्कर्ष
बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह को मिली इस धमकी ने बिहार में अपराध की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। अपराधियों द्वारा सार्वजनिक रूप से नेताओं को धमकाने की घटनाएँ न केवल कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देती हैं, बल्कि राज्य में असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं। इस घटना के बाद पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के ऊपर दबाव है कि वे जल्द से जल्द इस मामले का समाधान करें और अपराधियों को गिरफ्तार कर राज्य में कानून व्यवस्था को फिर से बहाल करें।