Spam Calls: लोग स्पैम और स्कैम कॉल्स से परेशान हैं और अब सरकार इन कॉल्स से निपटने के लिए कमर कस रही है। सरकार अब सिम कार्ड से संबंधित नियमों को और भी सख्त बनाने जा रही है, जिससे स्कैम कॉल्स करने वालों को शरमिंदा होना पड़ेगा। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
स्पैम और स्कैम कॉल्स से लोगों को बचाने और ऐसी कॉल्स को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग “अवांछनीय ग्राहकों” की एक सूची तैयार कर रहा है। इस सूची में शामिल लोगों को एक से छह महीने तक कोई नया सिम कार्ड नहीं मिलेगा।
साधारण भाषा में इसका मतलब है कि जिन लोगों के नाम इस सूची में होंगे, वे अगले 6 महीने तक कोई नया सिम नहीं खरीद सकेंगे, उनके नाम पर सिम की खरीदारी एक निश्चित अवधि के लिए ब्लॉक कर दी जाएगी। दूरसंचार विभाग जल्द ही इस मामले में सभी हितधारकों की राय लेगा। सरकार इस नए नियम से संबंधित दिशा-निर्देशों को नए टेलीकॉम एक्ट में शामिल करने की तैयारी कर रही है।
अवांछनीय ग्राहक सूची का क्या लाभ है?
दूरसंचार विभाग द्वारा इस सूची को बनाने का उद्देश्य स्पैम और स्कैम कॉल्स को रोकना है। वर्तमान में स्पैम और स्कैम कॉल्स के लिए विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
फिलहाल, ग्राहक एक नंबर बंद करने के बाद दूसरा मोबाइल नंबर जारी कर लेते हैं, लेकिन दूरसंचार विभाग को यह पता चला है कि कुछ लोग एक महीने में 25 से 30 नंबर ले रहे हैं। ऐसे लोगों से निपटने के लिए सरकार अब सिम कार्ड से संबंधित नियमों को और भी सख्त बनाने की कोशिश में है।
सरकार अब उन लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में दिखाई दे रही है, जो एक महीने में 25 से 30 नए मोबाइल नंबर खरीद रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो ऐसे ग्राहकों को एक से छह महीने तक किसी भी टेलीकॉम कंपनी का नया सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा।
यह नया नियम 1 सितंबर से लागू होगा
TRAI ने हाल ही में टेलीकॉम कंपनियों को निजी नंबरों से कॉल करने वाले टेलीमार्केटर्स को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं, TRAI ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि जो टेलीमार्केटर्स इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उन्हें 2 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और यह नया नियम 1 सितंबर से लागू हो जाएगा।