Bijnor : बिजनौर में एक लड़की छात्रा के यौन उत्पीड़न के मामले में विभिन्न विभागों के अधिकारियों की टीम ने एसडीएम के नेतृत्व में मदरसा जमीयतुल बनात दारुल उलूम की जांच की और उसे सील कर दिया। जांच के दौरान मदरसे में अलिम पाठ्यक्रम के फॉर्म नहीं मिले।
जांच में यह भी सामने आया कि मदरसे के होस्टल में आसपास के जिलों की करीब 250 लड़कियां रह रही थीं। इसके बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने मदरसे के अलिम पाठ्यक्रम के तहत चल रहे कक्षाओं और होस्टलों को भी सील कर दिया।
पीड़िता के रिश्तेदारों का आरोप: बलात्कार हुआ
पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ मदरसे में बलात्कार हुआ है, लेकिन पुलिस ने केवल यौन उत्पीड़न की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इसके बाद, उनकी बेटी को वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। पुलिस रिश्तेदारों को पीड़िता से मिलने भी नहीं दे रही है।
मामला क्या था
मदरसे में पढ़ाई कर रही एक लड़की का वीडियो प्रसारित हुआ, जिसमें उसने मदरसे के संचालक शाहनवाज़ के बेटे नवीद उर्फ उस्मान पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया। शनिवार को एसडीएम सदर मनोज कुमार के नेतृत्व में अधिकारियों ने बुरहानुद्दीनपुर में चल रहे मदरसा जमीयतुल बनात दारुल उलूम को सील कर दिया। होस्टल में रहने वाली लड़कियां अपने माता-पिता के साथ घर चली गईं।
कथित बलात्कार की पुष्टि नहीं
एसपी अभिषेक झा ने कहा कि पीड़िता का मेडिकल परीक्षण किया गया है। इसमें बलात्कार या हमला की पुष्टि नहीं हुई है। बयान भी अदालत में दर्ज किए गए हैं। बयान में यौन उत्पीड़न का उल्लेख है। अदालत के बयान के आधार पर मामले में धमकी और बंधक बनाने की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। पीड़िता की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज की गई है। प्रारंभ में उसके माता-पिता नहीं आए थे। इसलिए उसे वन स्टॉप सेंटर भेजा गया। सोमवार को उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष पेश किया जाएगा। परामर्श के बाद ही किशोरी को उसके रिश्तेदारों को सौंपा जाएगा।