Health Alert: 30 की उम्र के बाद कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, समय पर परीक्षण कराएं ताकि स्थिति बिगड़े नहीं
Health Alert: आजकल जीवनशैली और आहार में असंतुलन के कारण दुनिया भर में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। पिछले 10 सालों के आंकड़े देखें तो यह पता चलता है कि कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का खतरा अब कम उम्र के लोगों में भी बढ़ने लगा है। कम उम्र में बीमारियों का बढ़ना जीवन की गुणवत्ता पर बुरा असर डाल सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हमें अपनी सेहत का ख्याल किशोरावस्था से ही रखना चाहिए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह महत्वपूर्ण है कि हम पहले से सावधानी बरतें, ताकि भविष्य में किसी गंभीर खतरे से बचा जा सके। उम्र बढ़ने के साथ शरीर की इम्यूनिटी कमजोर होती है, मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिसके कारण बीमारियों का खतरा बढ़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस वजह से समय-समय पर परीक्षण करवाना और सही पोषण पर ध्यान देना बेहद आवश्यक हो जाता है।
विशेषज्ञों का क्या कहना है?
आजकल की व्यस्त जीवनशैली में लोग खुद के लिए समय नहीं निकाल पाते। महिलाएं परिवार और घर के कामों में व्यस्त रहती हैं, वहीं पुरुष भी ऑफिस के कामों में इतने व्यस्त रहते हैं कि अपनी सेहत का ख्याल नहीं रखते। हालांकि, अगर आपकी उम्र 30 साल के आसपास है, तो आपको कुछ जरूरी परीक्षण जरूर करवाने चाहिए।
डॉ. जुगल किशोर, निदेशक, समुदाय चिकित्सा विभाग, सफदरजंग अस्पताल, दिल्ली का कहना है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ इम्यूनिटी, मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती कम होने लगती है। इसके अलावा, वजन बढ़ने, डायबिटीज, हृदय समस्याएं, उच्च रक्तचाप, तनाव और अवसाद का खतरा भी बढ़ सकता है। इन समस्याओं से बचने के लिए आपको रोजाना व्यायाम, योग और ध्यान करना चाहिए। डॉक्टर के अनुसार, हर छह महीने या एक साल में एक पूर्ण स्वास्थ्य जांच करवाना जरूरी है।
30 के बाद ये टेस्ट जरूर करवाएं
1. रक्त शर्करा की जांच करवाएं
अगर आपको डायबिटीज के कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं और आपके परिवार में भी किसी को यह बीमारी नहीं है, तो भी आपको 30 साल की उम्र के बाद रक्त शर्करा के परीक्षण जैसे कि फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज, रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज, पोस्टप्रैंडियल रक्त शर्करा, और HBA1C टेस्ट जरूर करवाना चाहिए। इसके अलावा, अगर आपके माता-पिता में से किसी को डायबिटीज है, तो आपको अपनी सेहत के प्रति और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।
2. रक्तचाप की जांच
उच्च रक्तचाप यदि नियंत्रित न किया जाए तो यह दिल का दौरा और स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए आप घर पर एक रक्तचाप मॉनीटर लेकर अपनी रक्तचाप की जांच कर सकते हैं। इससे आपको अपनी सेहत का ध्यान रखने में मदद मिलती है।
3. हड्डियों के परीक्षण
हड्डियों का कमजोर होना, जिसे ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं, हड्डियों की कमजोरी का कारण बनता है और हड्डी टूटने का जोखिम बढ़ जाता है। इसके लिए आपको ड्यूल-एनर्जी एक्स-रे एब्जॉर्पटोमेट्री (DXA) स्कैन करवाना चाहिए। इससे हड्डियों की कमजोरी, विटामिन D की कमी और हड्डी की घनता का पता चलता है।
4. थायरॉयड की जांच
थायरॉयड ग्रंथि में गड़बड़ी के कारण हाइपोथायरॉयडिज़म (अल्प सक्रिय थायरॉयड) हो सकता है। यह ग्रंथि T-3, T-4 और TSH नामक हार्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर के मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करते हैं। इनमें से किसी भी हार्मोन का असंतुलन शरीर में गंभीर बदलाव कर सकता है। इसलिए, 30 के बाद इस परीक्षण को करवाना बेहद जरूरी है।
5. कंप्लीट ब्लड काउंट (CBC)
कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट से आपको रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं, हीमोग्लोबिन, प्लेटलेट्स आदि की संख्या का पता चलता है। ये सभी तत्व संतुलित मात्रा में होने चाहिए, ताकि आपका शरीर स्वस्थ रहे। यदि इनकी मात्रा असंतुलित होती है, तो इसका मतलब है कि शरीर में कोई गड़बड़ी हो सकती है, जिसके लिए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
6. कैंसर स्क्रीनिंग
महिलाओं को हर साल ब्रेस्ट स्क्रीनिंग करवाना चाहिए, ताकि किसी गांठ का पता पहले ही चल सके। महिलाओं को पैप स्मियर और मैमोग्राम की जांच साल में एक बार करवानी चाहिए। पुरुषों को डिजिटल रेक्टल एग्जामिनेशन और प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजेन (PSA) टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि प्रोस्टेट संबंधित समस्याओं का समय पर पता चल सके। इसके अलावा, लंग कैंसर के लिए एक्स-रे और कोलोरैक्टल कैंसर के लिए सालाना मल परीक्षण करवाना जरूरी है।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का महत्व
आजकल बीमारियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर अगर व्यक्ति अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देता। उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कई बदलाव आते हैं, और यदि समय रहते इन बदलावों का पता नहीं चलता, तो गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, नियमित स्वास्थ्य जांच से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि हम किसी भी गंभीर बीमारी का शिकार न हों।
समय पर स्वास्थ्य परीक्षण करवाने से न केवल बीमारियों का जल्दी पता चलता है, बल्कि किसी बीमारी के शुरुआती दौर में ही इलाज शुरू किया जा सकता है, जिससे गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। अपने शरीर की सही देखभाल करें, स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और नियमित परीक्षण करवाकर भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचें।
स्वास्थ्य का ध्यान रखना हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है, खासकर 30 साल के बाद जब शरीर में कई बदलाव आते हैं। समय पर परीक्षण कराकर हम गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं और जीवन को स्वस्थ तरीके से जी सकते हैं। इसलिए, आज से ही अपनी सेहत की ओर ध्यान दें और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर भविष्य में होने वाली समस्याओं से बचें।
1. Why is it important to take care of health after the age of 30?
It is crucial to take care of health after the age of 30 because as we age, our immunity weakens, and muscles and bones become more fragile. This increases the risk of various chronic diseases like diabetes, hypertension, heart issues, and mental health problems. Regular health check-ups and a balanced lifestyle can help prevent these risks and ensure a better quality of life.
2. What tests should be done after the age of 30 to monitor health?
Some essential tests to be done after the age of 30 include:
- Blood sugar tests (e.g., fasting plasma glucose, HbA1c test)
- Blood pressure monitoring
- Bone density test (DXA scan) for osteoporosis
- Thyroid function tests (T3, T4, TSH levels)
- Complete Blood Count (CBC)
- Cancer screenings like breast and prostate exams, mammograms, and colon cancer screenings
3. How does high blood pressure affect health and why should it be monitored regularly?
If high blood pressure is not controlled, it can lead to serious health issues like heart attacks and strokes. Regular monitoring of blood pressure is important because it helps detect any abnormalities early, which can then be managed through lifestyle changes or medication, reducing the risk of severe health problems.
4. What is the importance of bone density testing after the age of 30?
Bone density testing, such as the DXA scan, is important after 30 because it helps detect osteoporosis, a condition where bones become weak and brittle, increasing the risk of fractures. Regular bone health checks can help identify weakness, vitamin D deficiency, and other issues, allowing for early treatment and prevention.
5. Why should cancer screenings be a part of health check-ups after 30?
Cancer screenings like mammograms, pap smears, and prostate exams are crucial after the age of 30 because they help detect cancers early when they are more treatable. Early detection can significantly improve the chances of successful treatment and recovery, making regular screenings an important aspect of preventive healthcare.
- 30 साल के बाद सेहत का ध्यान रखना क्यों जरूरी है?
30 साल के बाद सेहत का ध्यान रखना जरूरी है क्योंकि जैसे-जैसे हम उम्र बढ़ते हैं, हमारी इम्यूनिटी कमजोर होती है और मांसपेशियां व हड्डियां अधिक नाजुक हो जाती हैं। इससे डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं जैसी कई पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। नियमित स्वास्थ्य जांच और संतुलित जीवनशैली इन जोखिमों को कम करने और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।
- 30 साल के बाद स्वास्थ्य की निगरानी के लिए कौन से परीक्षण करवाने चाहिए?
30 साल के बाद कुछ आवश्यक परीक्षणों में शामिल हैं:
- रक्त शर्करा के परीक्षण (जैसे फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज, HbA1c परीक्षण)
- रक्तचाप की निगरानी
- हड्डियों की घनता परीक्षण (DXA स्कैन) – ऑस्टियोपोरोसिस के लिए
- थायरॉयड फ़ंक्शन परीक्षण (T3, T4, TSH स्तर)
- पूर्ण रक्त गणना (CBC)
- कैंसर स्क्रीनिंग जैसे ब्रेस्ट और प्रोस्टेट परीक्षा, मैमोग्राम और कोलोन कैंसर स्क्रीनिंग
- उच्च रक्तचाप स्वास्थ्य पर कैसे असर डालता है और इसे नियमित रूप से क्यों मॉनिटर करना चाहिए?
यदि उच्च रक्तचाप को नियंत्रित नहीं किया जाता है, तो यह दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। रक्तचाप की नियमित निगरानी इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह किसी भी असामान्यता का जल्दी पता लगाने में मदद करती है, जिसे फिर जीवनशैली में बदलाव या दवाओं के माध्यम से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- 30 साल के बाद हड्डियों की घनता परीक्षण क्यों जरूरी है?
हड्डियों की घनता परीक्षण, जैसे DXA स्कैन, 30 साल के बाद इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाने में मदद करता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। नियमित हड्डी स्वास्थ्य जांच से कमजोरी, विटामिन D की कमी और अन्य समस्याओं का पता चलता है, जिससे समय रहते इलाज और बचाव संभव हो सकता है।
- 30 साल के बाद कैंसर स्क्रीनिंग स्वास्थ्य जांच का हिस्सा क्यों होनी चाहिए?
कैंसर स्क्रीनिंग जैसे मैमोग्राम, पैप स्मियर और प्रोस्टेट परीक्षण 30 साल के बाद इसलिए जरूरी हैं क्योंकि ये कैंसर का जल्दी पता लगाने में मदद करते हैं, जब उनका इलाज संभव होता है। जल्दी पहचान करने से उपचार और रिकवरी के अवसरों में सुधार हो सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सकता है। इसलिए, नियमित स्क्रीनिंग एक महत्वपूर्ण एहतियाती स्वास्थ्य उपाय है।