Bihar: BPSC परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा, छात्रों का प्रदर्शन खत्म, कोचिंग संस्थानों पर अफवाह फैलाने का आरोप
Bihar: बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) द्वारा आगामी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर एक बड़ी घोषणा की गई है। BPSC ने स्पष्ट किया है कि इस बार परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू नहीं की जाएगी, जिसके बाद छात्रों का विरोध समाप्त हो गया। आयोग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नॉर्मलाइजेशन को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं था और यह अफवाह कोचिंग संस्थानों द्वारा फैलाई गई थी। इससे पहले, शुक्रवार को पटना में छात्रों ने भारी विरोध प्रदर्शन किया था और बीपीएससी कार्यालय के बाहर जमा होकर परीक्षा के नियमों में कथित बदलावों के खिलाफ आवाज उठाई थी।
पटना में छात्रो का प्रदर्शन
पटना के बैली रोड स्थित BPSC कार्यालय के पास शुक्रवार को बड़ी संख्या में छात्र जमा हुए और परीक्षा के नियमों में बदलाव की मांग करने लगे। छात्रों का मुख्य आरोप था कि आयोग परीक्षा में “नॉर्मलाइजेशन” प्रक्रिया लागू करने जा रहा है, जो उनके लिए नाइंसाफी होगी। इस बीच, पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग कर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राजीव मिश्रा ने बताया कि दोपहर के करीब छात्रों का एक बड़ा समूह BPSC कार्यालय की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी।
जब छात्रों ने पुलिस की बात नहीं मानी और बैली रोड पर धरना देना शुरू कर दिया, तो पुलिस को हल्के लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। SSP मिश्रा ने कहा कि इस कार्रवाई में किसी भी छात्र को चोट नहीं आई और यह कार्रवाई सिर्फ प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए की गई थी। प्रदर्शनकारियों ने BPSC द्वारा “एक शिफ्ट, एक पेपर” प्रारूप में परीक्षा कराने की मांग की थी, जिसे आयोग ने पहले ही नकारा था।
नॉर्मलाइजेशन क्या है?
बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन के उम्मीदवारों के बीच नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को लेकर भारी भ्रम था। नॉर्मलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत दो या दो से अधिक शिफ्टों में आयोजित परीक्षाओं के अंकों को समान बनाने के लिए एक सांख्यिकीय सूत्र का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद उम्मीदवारों को प्रतिशत के आधार पर अंक दिए जाते हैं। छात्रों का मानना था कि BPSC इस प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सकता है, जिससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
हालांकि, BPSC ने इन सभी अफवाहों को खारिज कर दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि परीक्षा का आयोजन पहले की तरह होगा और इसमें किसी भी प्रकार के नॉर्मलाइजेशन का उपयोग नहीं किया जाएगा।
कोचिंग संस्थानों पर आरोप
BPSC द्वारा नॉर्मलाइजेशन को लेकर उठाए गए कदमों के बाद छात्र आंदोलन में तेज़ी आ गई थी। छात्रों का आरोप था कि यह अफवाह कोचिंग संस्थानों द्वारा फैलाई गई है, ताकि वे अधिक छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए आकर्षित कर सकें। इस पूरे मामले में पटना स्थित कोचिंग संस्थानों पर कई आरोप भी लगाए गए, खासकर उन कोचिंग संस्थानों पर जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवा रहे हैं।
कुछ छात्र नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और सरकार से मांग की कि कोचिंग संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, जो इन अफवाहों के माध्यम से छात्रों के मनोबल को तोड़ रहे हैं।
खान सर का समर्थन
पटना के प्रसिद्ध कोच और यूट्यूबर खान सर ने भी छात्रों के विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और छात्रों के समर्थन में धरने पर बैठे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, “BPSC के अध्यक्ष को तुरंत एक बयान जारी करना चाहिए, जिसमें यह स्पष्ट किया जाए कि प्रारंभिक परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया लागू नहीं होगी। आयोग को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जिन छात्रों को तकनीकी कारणों से आवेदन करने में कठिनाई हुई है, उनके लिए परीक्षा की तारीख को बढ़ाया जाए।”
खान सर, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यूट्यूब के माध्यम से छात्रों को पढ़ाते हैं, ने इस आंदोलन का समर्थन किया और कहा कि जब तक BPSC इस मामले में स्पष्टता नहीं देगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शनकारियों पर पुलिस का एक्शन
पटना SSP राजीव मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए केवल हल्का बल प्रयोग किया और किसी भी छात्र को गंभीर चोटें नहीं आईं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और CCTV फुटेज के आधार पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बनाई है।
BPSC परीक्षा और इसके आंकड़े
BPSC की 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित होने वाली है। इस परीक्षा में लगभग पांच लाख उम्मीदवार शामिल होने वाले हैं। परीक्षा देशभर के 925 केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा बिहार राज्य के विभिन्न ग्रुप A और B के पदों पर भर्ती के लिए हो रही है।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में बयान दिया और कहा कि BPSC को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “BPSC को पूर्व की तरह परीक्षा आयोजित करनी चाहिए और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। आयोग को परीक्षा की तारीख को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि तकनीकी कारणों से कई छात्रों का आवेदन पूरा नहीं हो सका है।”
BPSC के इस फैसले से छात्रों की एक बड़ी चिंता समाप्त हो गई है, लेकिन कोचिंग संस्थानों द्वारा फैलाई गई अफवाहों ने परीक्षा की प्रक्रिया को लेकर काफी भ्रम पैदा किया था। अब BPSC ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार परीक्षा पूर्व की तरह ही होगी, जिससे छात्रों का विरोध समाप्त हुआ है। हालांकि, परीक्षा की तारीखों और अन्य तकनीकी समस्याओं को लेकर छात्र नेताओं का दबाव बना रहेगा, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आयोग इन मुद्दों पर क्या कदम उठाता है।