Sikandar Ka Muqaddar: अगर किसी सस्पेंस फिल्म का रहस्य आखिर तक बरकरार रहे और आपको अंत में पता चले कि कहानी कुछ और ही है, तो यह इस बात का संकेत है कि फिल्म का सस्पेंस बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है। नेटफ्लिक्स की फिल्म “सिकंदर का मुकद्दर” आपको भरपूर मनोरंजन करती है और स्क्रीन से बांधे रखती है।
कहानी
एक प्रदर्शनी से करोड़ों के हीरे चोरी हो जाते हैं। इस मामले की जिम्मेदारी जिमी शेरगिल को दी जाती है। जिमी को यकीन है कि यह चोरी अविनाश तिवारी और तमन्ना भाटिया ने की है क्योंकि दोनों वहीं मौजूद थे। जिमी, जो अब तक 100 प्रतिशत मामलों को हल करने का रिकॉर्ड रखता है, यह दावा करता है कि वह 24 घंटे के भीतर इस मामले को सुलझा देगा। लेकिन क्या यह सच में संभव होगा? इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म का अनुभव
यह फिल्म नीरज पांडे की है और उन पर इसका प्रभाव साफ नजर आता है। फिल्म का सस्पेंस शानदार है और इस बार नीरज ने एक कदम आगे बढ़कर काम किया है। कहानी कुछ घंटों या दिनों की नहीं बल्कि वर्षों के सस्पेंस को दिखाती है।
फिल्म की सबसे खास बात यह है कि इसमें आज और 15 साल बाद की दो अलग-अलग कहानियां एक साथ चलती हैं। आप स्क्रीन से अपनी नजरें हटा नहीं पाएंगे और फिल्म का सच आपको अंत में ही पता चलता है।
कलाकारों का प्रदर्शन
जिमी शेरगिल: जिमी ने एक जिद्दी पुलिस अफसर का किरदार बखूबी निभाया है। उनकी एक्टिंग इतनी दमदार है कि आप उनके हर शब्द पर यकीन कर लेते हैं। यह उनके किरदार की सच्चाई और गहराई को दर्शाता है।
तमन्ना भाटिया: तमन्ना ने यह साबित कर दिया है कि वह जितनी बेहतरीन अदाकारा हैं, उतनी ही खूबसूरत भी। उनका किरदार बहुत दिलचस्प है और उन्होंने एक बच्चे की मां की भूमिका को भी शानदार तरीके से निभाया है।
अविनाश तिवारी: अविनाश ने अपने किरदार में हर रंग बखूबी दिखाया है, चाहे वह बेबसी हो या चालाकी। उनकी एक्टिंग से आप प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।
निर्देशन
नीरज पांडे ने अपनी शैली में एक बार फिर शानदार काम किया है। उन्होंने दर्शकों को अंत तक सस्पेंस में रखा है। फिल्म कहीं भी खिंची हुई नहीं लगती और आपको एक सेकंड के लिए भी राहत की सांस नहीं लेने देती। सबसे बड़ी बात यह है कि आप अंदाजा नहीं लगा सकते कि सस्पेंस क्या है।
फिल्म की खास बातें
- शानदार कहानी और सस्पेंस।
- जिमी शेरगिल, तमन्ना भाटिया और अविनाश तिवारी का बेहतरीन प्रदर्शन।
- नीरज पांडे का दमदार निर्देशन।
- आज और 15 साल बाद की दो कहानियों का अद्भुत तालमेल।
“सिकंदर का मुकद्दर” एक ऐसी फिल्म है जो आपको अंत तक बांधे रखती है। सस्पेंस और मनोरंजन का यह शानदार मेल फिल्म को यादगार बनाता है। अगर आप सस्पेंस और थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं, तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए।